विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Oct 07, 2023

Ground Report: बूंदी जिले के सबसे बड़े अस्पताल में 40 प्रकार की निशुल्क जांचें बंद, अब प्रशासन दे रहा ये सफाई

एनडीटीवी राजस्थान की टीम ने बंद पड़ी जांच काउंटर की ग्राउंड रिपोर्ट की, जहां मरीज काउंटर पर लाइनों में लगकर सैंपल देते हुए नजर आए. जबकि मरीजों का सैंपल लैब टेक्नीशियन खुद लेता हैं. लेकिन अस्पताल में लाइनों में लगे मरीजों के हाथ में खुद उनके सैंपल नजर आए.

Read Time: 5 min
Ground Report: बूंदी जिले के सबसे बड़े अस्पताल में 40 प्रकार की निशुल्क जांचें बंद, अब प्रशासन दे रहा ये सफाई

Rajasthan News: बूंदी जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) द्वारा चलाई जा रही नि:शुल्क जांच योजना का लाभ रोगियों को नहीं मिल पा रहा है. चिकित्सा प्रशासन की अनदेखी के चलते लैब में बायोकेमिस्ट्री मशीन खराब पड़ी है. इस कारण हार्ट प्रोफाईल, किडनी प्रोफाईल और लीवर प्रोफाईल से संबंधित कई तरह की जांचें अस्पताल में नहीं हो पा रही हैं. हालत ऐसे हो गए हैं कि रोगियों को निजी लेबों में जाकर जांच करवानी पड़ रही है. 

40 से अधिक जांच बंद

एनडीटीवी राजस्थान की टीम ने बंद पड़ी जांच काउंटर की ग्राउंड रिपोर्ट की, जहां मरीज काउंटर पर लाइनों में लगकर सैंपल देते हुए नजर आए. जबकि मरीजों का सैंपल लैब टेक्नीशियन खुद लेता हैं. लेकिन अस्पताल में लाइनों में लगे मरीजों के हाथ में खुद उनके सैंपल नजर आए. ऐसे में संक्रमण फैलने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता. परिजनों ने एनडीटीवी को बताया कि वे सुबह से लाइनों में लगे हैं. अब तक जांच नहीं मिल पाई है. भीलवाड़ा जिले से आए एक मरीज के परिजन ने कहा कि इतनी दूर से आने के बावजूद भी मेरे बच्चे की जांच अस्पताल में नहीं हो पा रही है. लाइनों में लगना पड़ रहा है. इधर जांच बंद होने पर मरीजों से सैंपल तो लिए जा रहे हैं, लेकिन उन्हें जांच नहीं दी जा रही. बायोकेमिस्ट्री से लेकर सीबीसी जांच मिलकर 40 से अधिक जांच अस्पताल में बंद हो गई हैं. सबसे अधिक परेशानी मौसमी बीमारियों व यूरिन एनालाइजर जांच वाले मरीजों को हो रही है.

अधिकारियों ने क्या कहा?

इस बारे में जब संबंधित अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमने पीएमओ को लिखित में मशीन खराब होने की बात बता रखी है, पर अभी तक मशीन ठीक नहीं हो पाई. सीबीसी जांच के लिए जो रिजेंट की आवश्यकता होती है. वह समय पर उपलब्ध नहीं हो पाते. रिजेंट खत्म हो जाने के बाद जांच नहीं की जा सकती. रिजेंट उपलब्ध कराने वाली फर्म का भुगतान समय पर नहीं हुआ है. भुगतान नहीं होने से रिजेंट उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं. वर्तमान में तो डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों का सीजन चल रहा है. सीबीसी जांच भी 3 दिन से बंद है. क्योंकि सीबीसी जांच के लिए जो रिजेंट काम में लिया जा रहा है, वह आया ही नहीं. जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों को शनिवार को निशुल्क जांच योजना की सेवा उपलब्ध नहीं होने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ा.

कहीं मिलीभगत का खेल तो नहीं?

जिला अस्पताल में जांच मशीनों के खराब होने का यह नया मामला नहीं है. इससे पूर्व भी कई बार जांच मशीन खराब होने की बात सामने आती रही है. राज्य सरकार द्वारा आमजन को निशुल्क जांच योजना से राहत देने के उद्देश्य से करीब 50 लाख रुपये लागत की मशीन अस्पताल की जांच लेब में लगाई हुई हैं. अस्पताल सूत्र बताते हैं कि मशीन का अचानक खराब होना निजी लेब संचालकों से मिलीभगत की ओर इशारा करता है. हमेशा देखने में आया है कि जब भी कोई बीमारी का पीक सीजन होता है तो मरीजों की संख्या अन्य दिनों के मुकाबले ज्यादा होती है. जब मरीजों और उनके तीमारदारों को अस्पताल में जांच नहीं होने की बात कही जाती है तो अस्पताल में घूमने वाले दलाल उन्हें निजी लेब का पर्चा तक थमा देते हैं. कई बार तो यह तक देखने को मिल जाता ही कि सरकारी अस्पताल में भर्ती मरीजों के जांच के सैंपल तक ले जाते हैं. ऐसा भी नहीं है कि यह मामला चिकित्सा विभाग के अधिकारियों की जानकारी में नहीं हो. उनकी जानकारी में होने के बावजूद भी ऐसे कई दृश्य अस्पताल में देखने को मिल जाते हैं.

Rajasthan.NDTV.in पर राजस्थान की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Close