Rajasthan News: राजस्थान से इस बार हज पर जाने वालों की तादाद में कमी आई है. राजस्थान को इस बार हज पर जाने वालों के लिए 5036 सीटों का कोटा आवंटित किया गया था. मगर सिर्फ 4208 लोगों ने ही हज यात्रा के लिए आवेदन किए. आवंटित कोटे से कम आवेदन आने के कारण राज्य के 828 लोगों की सीटें दूसरे राज्यों को आवंटित कर दी जाएंगी.
गौरतलब है कि कोरोना के बाद से ही राजस्थान से हज पर जाने वालों की संख्या में कमी आई है. इसका सबसे बड़ा कारण हज यात्रा के शुल्क में बढ़ोतरी होना है. पिछले कुछ सालों से हज पर जाने का खर्चा पहले के मुकाबले डबल हो गया है. कोरोना से पहले हज पर जाने के लिए 2 लाख, 57 हज़ार रुपए खर्च करने होते थे और उसमें भी 2100 रियाल यानी करीब 46 हज़ार रुपए वापिस मिल जाया करते थे.
इस हिसाब से करीब 2 लाख, 17 हजार रुपए ही खर्च होते थे. लेकिन सन 2020 में कोरोना आने के बाद दो सालों तक तो हज यात्रा ही नहीं हुई और बाद में सन 2022 में हज का खर्च बढ़ा कर चार लाख के करीब कर दिया गया. इसके अलावा 2100 रियाल मिलने भी बंद हो गए. ऐसे में जो लोग जिन्दगी भर की कमाई इकट्ठा कर हज पर जाने के लिए सोचते हैं, उनके लिए मक्का मदीना की जियारत करना एक सपना ही बन कर रह गया.
बीकानेर से इस बार सिर्फ 116 लोग ही हज पर जाएंगे, जिनमें 90 लोगों की हज कमेटी भेजेगी और बाकी 26 लोग निजी तौर पर हज का सफर करेंगे. बीकानेर हज वेलफेयर सोसाइटी की तरफ से आवेदन करने वाले सभी 90 आजमीन के नाम लॉटरी में निकले हैं. अब इन लोगों को मार्च तक हज के सफ़र का शुल्क स्टेट हज कमेटी को जमा करवाना होगा और सभी चयनित आजमीन को अपने आवेदन पत्र की मूल कॉपी स्टेट हज कमेटी को भेजनी होगी. साथ ही पासपोर्ट की कॉपी, दो पासपोर्ट साइज फोटो और पहली किस्त के 81,500 रुपए जमा करवाने होंगे. हज का सफर नौ मई से शुरू होगा और दस जून तक अलग अलग तारीखों में सऊदी अरब के लिए फ्लाइट जाएगी.