Rajasthan News: राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) द्वारा वर्ष 2022 में आयोजित की गई वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा (Senior Teacher Recruitment Exam) में डमी कैंडिडेट बैठाने वाले मूल अभ्यर्थी रामलाल मीणा (Ramlal Meena) को शुक्रवार शाम टोंक पुलिस (Tonk Police) ने गिरफ्तार कर लिया. इस दौरान पुलिस पूछताछ में रामलाल ने कबूला कि सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में फर्जी अभ्यर्थी बनकर चेतन को एसआई बनाने वाले हनुमान मीणा (Hanuman Meena) को ही उसने 2 लाख रुपए देकर डमी कैंडिडेट बनाया था, और अपनी जगह उसे भेजकर परीक्षा दिलाई थी.
अभी तक फरार है हनुमान मीणा
आपको बता दें कि एसआई भर्ती परीक्षा मामले में अभी तक हनुमान मीणा फरार है. उसकी गिरफ्तारी के लिए राजस्थान पुलिस ने 50 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया हुआ है. लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिल पाई है. एसओजी लगातार उसकी तलाश कर रही है. अधिकारियों को उम्मीद है कि जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा. लेकिन अब उसका नाम एसआई भर्ती परीक्षा के साथ वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा से भी जुड़ गया है. ऐसे में हनुमान मीणा की गिरफ्तारी पेपर लीक केस की जांच कर रही एसओजी के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो गई है.
कोर्ट ने 5 दिन की रिमांड पर भेजा
आरपीएससी द्वारा 15 मई को दस्तावेज जांचने के दौरान मूल अभ्यर्थी रामलाल की परीक्षा केंद्र पर अटेंडेंस शीट में लगी फोटो और एप्लीकेशन फॉर्म पर लगी फोटो का मिलान नहीं हुआ. जिस पर लोक सेवा आयोग ने अनुभाग अधिकारी नमन शर्मा द्वारा सिविल लाइन थाने में जीरो एफआईआर दर्ज कराई गई थी. जिसका अनुसंधान टोंक पुलिस द्वारा किया जा रहा है. टोंक पुलिस ने एफआईआर दर्ज होने के कुछ घंटे बाद आरोपी रामलाल मीणा को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया. न्यायालय ने मीणा को 5 दिन पुलिस रिमांड पर भेज दिया.
कलेक्ट्रेट में तैनात था हनुमान मीणा
पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया कि आरोपी रामलाल मीणा ने एसआई भर्ती परीक्षा में चेतन मीणा की जगह डमी कैंडिडेट बैठकर परीक्षा देने वाले हनुमान मीणा से संपर्क किया था. उसकी जगह डमी कैंडिडेट बैठने के लिए अनुमान को दो लाख रुपए भी दिए थे. पुलिस जांच कर रही है कि रामलाल मीणा की जगह परीक्षा में कौन फर्जी कैंडिडेट बैठा था. गौरतलब है कि हनुमान मीणा कोटा कलेक्ट्रेट में एलडीसी के पद पर था. वह शिक्षक भर्ती परीक्षा 2022 मे कोटा पुलिस की गिरफ्त में आया था. उसने इस प्रकरण से पहले एसआई में चयनित हुए चेतन मीणा को फर्जी कैंडिडेट के माध्यम से परीक्षा में पास कराया था. इस मामले में एसओजी ने पूरे मामले को उजागर किया था.
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