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This Article is From Sep 17, 2024

Haryana Elections 2024: कांग्रेस के बागियों को मनाने में कामयाब हुए हरीश चौधरी, हरियाणा में रातोंरात पलट दिया 'गेम'

Haryana Election Date: पांच अक्टूबर को होने वाले चुनाव के लिए सोमवार को नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि थी. इस दिन हिम्मत सिंह के अलावा भाजपा के भी कुछ बागियों ने अपना नामांकन वापस ले लिया.

Haryana Elections 2024: कांग्रेस के बागियों को मनाने में कामयाब हुए हरीश चौधरी, हरियाणा में रातोंरात पलट दिया 'गेम'

Rajasthan News: हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Election 2024) से ठीक पहले कांग्रेस (Congress) के बागियों को बायतु विधायक हरीश चौधरी (Harish Chaudhary) ने मना लिया है. इससे जुड़ी कुछ वीडियो इस वक्त सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिसमें अंबाला शहर से टिकट न मिलने पर निर्दलीय नामांकन भरने वाले हिम्मत सिंह को मनाने का ऐलान किया गया है. नामांकन वापस लेने का ऐलान करते हुए हिम्मत सिंह ने कहा है कि वे निर्मल सिंह की पूरी मदद करेंगे और उन्हें जितवाकर चंडीगढ़ भेजने का काम करेंगे.

हिम्मत सिंह के घर पहुंचकर मनाया

कांग्रेस पार्टी ने इस बार निर्मल सिंह को अंबाला सीट से टिकट दिया है. इसी बात से नाराज होकर हिम्मत सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन पर्चा भर दिया, जिसकी खबर लगते ही कांग्रेस पार्टी में हड़कंप मच गया. रुठे नेता को मनाने के लिए सोमवार को दीपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रताप सिंह बाजवा, हरीश चौधरी और सांसद वरुण अंबाला में हिम्मत सिंह के घर पहुंच गए. कुछ घंटों की चली बातचीत के बाद हिम्मत सिंह नामांकन वापस लेने के लिए मान गए. इस पर खुशी जाहिर करते हुए निर्मल सिंह ने कहा कि हिम्मत सिंह पार्टी का बड़ा नाम हैं. अब वे साथ आ गए हैं. हम मिलकर अंबाला के लिए काम करेंगे.

'मेरा उद्देश्य विधायक बनना नहीं है'

हिम्मत सिंह ने एक्स पर लिखा, 'मैंने अपना राजनीतिक सफर छात्र राजनीति से शुरू किया और कांग्रेस की नीतियों एवं सिद्धांतों से प्रेरित होकर एक सक्रिय कार्यकर्ता के रूप संगठन के प्रति समर्पित सोच के साथ जो भी जिम्मेदारी संगठन द्वारा दी गईं, उसे ईमानदारी से निभाया. आज मैं जो कुछ हूं वो सिर्फ कांग्रेस पार्टी की बदौलत हूं, एवं मेरे लिए हमेशा संगठन सर्वोपरि रहा है. इस विधानसभा चुनाव में मैंने भी अंबाला शहर से कांग्रेस पार्टी से अपनी दावेदारी पेश की. पार्टी द्वारा मुझे उम्मीदवार नहीं बनाने पर अंबाला शहर परिवार के आदेश पर मैंने आजाद उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया था. मेरा उद्देश्य विधायक बनना नहीं है. मेरा उद्देश्य अंबाला की जनता के मूलभूत मुद्दों की लड़ाई लड़ना और न्याय दिलाना है.'

नामांकन वापस लेने का बताया कारण

सिंह ने आगे लिखा, 'नामांकन वापसी के आखिरी दिन मेरे निवास स्थान पधारे रोहतक से सांसद हमारे भाई दीपेंद्र सिंह हुड्डा, राजस्थान के पूर्व मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता मेरे बड़े भाई हरीश चौधरी, पंजाब के नेता प्रतिपक्ष एवं हरियाणा विधानसभा चुनाव में सीनियर पर्यवेक्षक प्रताप सिंह बाजवा, हमारे स्थानीय सांसद भाई वरुण ने अंबाला की जनता के हमारे मुद्दों को गंभीरता से लेकर सरकार में उनका समाधान करने का विश्वास दिलाने पर अपना नामांकन वापस लिया. कांग्रेस पार्टी के एक कार्यकर्ता के रूप में मैं और हमारी पूरी टीम कांग्रेस पार्टी को विजयी बनाने के लिए हर घर हर जन तक पहुंचकर एक नयी ऊर्जा के साथ काम करेंगे.'

190 उम्मीदवारों ने नामांकन वापस लिया

पांच अक्टूबर को होने वाले चुनाव के लिए सोमवार को नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि थी. इस दिन हिम्मत सिंह के अलावा भाजपा के भी कुछ बागियों ने अपना नामांकन वापस ले लिया. अब हरियाणा की 90 विधानसभा सीट पर सिर्फ 1,031 उम्मीदवार रह गए. चुनाव के लिए कुल 1,559 उम्मीदवारों ने नामांकन किया था. मगर, जांच में 1,221 नामांकन पत्र वैध पाए गए. इनमें से 190 उम्मीदवारों ने अपने नाम वापस ले लिए. 

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