Rajasthan News: राजस्थान हाईकोर्ट ने पुलिस अधिकारियों की लापरवाही पर कड़ा रुख अपनाते हुए एक बड़ा आदेश जारी किया है. जांच में लगे अधिकारी अगर अदालत में गवाही देने से बचते रहेंगे तो उनका वेतन और भत्ते रोक दिए जाएंगे. यह फैसला एक आपराधिक मामले में सुनवाई के दौरान आया जहां अधिकारी बार-बार बुलाने पर भी नहीं पहुंचा.
अदालत ने पुलिस महानिदेशक को साफ निर्देश दिए कि ऐसे मामलों में तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए. यह आदेश पुलिस व्यवस्था में सुधार लाने की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है.
मामले की पृष्ठभूमि
यह पूरा वाकया 2023 में चंदवाजी थाने में दर्ज एक आपराधिक प्रकरण से जुड़ा है. आरोपी नरेन्द्र कुमार ने जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. सुनवाई के दौरान जस्टिस अशोक कुमार जैन की पीठ ने पाया कि जांच अधिकारी उदय सिंह कई बार समन जारी होने के बावजूद ट्रायल कोर्ट में गवाही के लिए नहीं पहुंचा.
अधिकारी ने हर बार व्यस्तता का बहाना बनाया और पेश होने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने इसे गंभीर लापरवाही माना और कहा कि यह गवाही से बचने की कोशिश है. इससे अभियोजन पक्ष अपना काम ठीक से नहीं कर पाया जिससे न्याय प्रक्रिया में देरी हो रही है.
अदालत की सख्त टिप्पणियां
जस्टिस जैन ने सुनवाई में कड़ी नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी अगर अदालत के आदेशों की अवहेलना करेंगे तो न्याय व्यवस्था कैसे चलेगी. पीठ ने पुलिस महानिदेशक को स्पष्ट निर्देश दिए कि उदय सिंह का वेतन और सभी भत्ते तब तक रोक लिए जाएं जब तक वह कोर्ट में गवाही देने नहीं पहुंचता या अदालत से कोई छूट नहीं ले लेता.
यह फैसला पुलिस विभाग के लिए एक चेतावनी है कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. साथ ही कोर्ट ने डीजीपी से मांगा कि उदय सिंह के खिलाफ अब तक क्या कार्रवाई की गई है उसकी पूरी रिपोर्ट पेश करें.
अन्य अधिकारियों पर भी नजर
अदालत ने जयपुर ग्रामीण पुलिस अधीक्षक को भी तलब किया है. उनसे पूछा गया है कि जांच अधिकारी अब तक गवाही के लिए क्यों नहीं पहुंचा. क्या विभाग में कोई ऐसी व्यवस्था है जो अधिकारियों को अदालत से बचने देती है. कोर्ट ने साफ कहा कि ऐसे मामलों में जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए.
आगे क्या होगा
इस महत्वपूर्ण मामले की अगली सुनवाई अब 2 दिसंबर को होगी. तब तक डीजीपी और पुलिस अधीक्षक को अपनी रिपोर्ट कोर्ट में जमा करानी होगी. अगर अधिकारी गवाही देता है तो उसका वेतन बहाल हो सकता है लेकिन अगर लापरवाही जारी रही तो और सख्त कदम उठाए जा सकते हैं.
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