
Strike Against New Hit and Run Law: राजस्थान में केंद्र सरकार के नए हिट एंड रन कानून पर ट्रक ड्राइवरों द्वारा बुलाया गया हड़ताल उबाल पर आ गया है. हड़ताल के तीसरे दिन मंगलवार को नए कानून के खिलाफ राजस्थान समेत पूरे देश विरोध प्रदर्शन जारी है. प्रदेश में हड़ताल का असर रोजमर्रा की वस्तुओं की आपूर्ति पर पड़ रहा है, जिससे आमजन प्रभावित हो रहे हैं.
गौरतलब है ट्रक ड्राइवरों द्वारा नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ शुरू किए गए हड़ताल ने आक्रामक रुख लेना शुरू कर दिया है. सोमवार को हड़ताल में बस ड्राइवरों के भी शामिल होने से आमजन की ही नहीं, बल्कि भजनलाल सरकार की भी मुश्किल बढ़ सकती है, क्योंकि अभी तक सरकार की ओर से बातचीत की कोई पहल नहीं हुई है.
प्रदर्शन कर रहे ट्रक ड्राइवरों का कहना है कि 7 से 8 हजार रुपए महीने की तनख्वाह पर काम करने वाले ड्राइवर पर 7 लाख का जुर्माना कहा का न्याय है. उनका कहना है कि जब एक्सीडेंट होता है तो पब्लिक ड्राइवर की ही गलती मानती है, उनके साथ मारपीट करती है, तो ड्राइवरों को मजबूर होकर मौके से जान बचाकर भागना ही पड़ता है.
हड़ताल के चलते टोंक समेत प्रदेश के अन्य जिलो में ट्रकों की पहिए थमे गए हैं. जिले से गुजरते नेशनल हाइवे 52 पर ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल का असर साफ देखा जा सकता है. जयपुर रोड पर ट्रक यूनियन के ऑफिस के बाहर खड़ी ट्रक मालिकों और ट्रक यूनियन ने आगे की रणनीति बनाने के लिए एक बैठक बुलाई है, जिसमें कलेक्ट्रेड पर ज्ञापन और जिले में चक्का जाम की रणनीति प्रमुख है.
खाद्य वस्तुओं कि सप्लाई पर पड़ सकता है असर
नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ हड़ताल से बसों और ट्रकों के पहिए और कई दिन थमते हैं, तो प्रदेश में पेट्रोल-डीजल की कमी से सब्जियों व खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति में कमी होने की संभावना है, जिससे आने वाले दिनों में आमजन की परेशानी बढ़ सकती हैं. फिलहाल, हड़ताल से कुछ मार्गो पर रोडवेज व निजी बसों के संचालन में दिक्कत आ रही हैं.
नए हिट एंड रन कानून में क्या है नए प्रावधान
केन्द्र सरकार के नए हिट एंड रन में पहले की 2 साल की सजा को बढ़ाकर 10 साल कर दिया गया है, जबकि जुर्माने की राशि को भी बढ़ाया गया है, जो नए कानून के हिसाब से 7 लाख रुपए हो गया है. नए कानून के तहत लापरवाही, तेज रफ्तार अथवा अन्य कारणों से दुर्घटना होने पर पुलिस या प्रसाशन को बगैर सूचना दिए मौके से भागना अपराध होगा, जिसमें दोषी पाए जाने पर आरोपी को 10 साल तक की सजा व 7 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान है.
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