
राजस्थान में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी का गलत फायदा उठाकर अक्सर गांव के साधारण लोगों को चूना लगाने की कोशिश की जाती है. इसी इरादे से कई जगहों पर नकली झोलाछाप डॉक्टर बिना मेडिकल की पढ़ाई के लोगों का इलाज शुरू कर देते हैं. लेकिन ऐसे मामले भी सामने आते रहे हैं जिसमें बिना मंजूरी लिए ही हॉस्पिटल खोल दिए जाते हैं और मरीजों का इलाज किया जाता है. राजस्थान के करौली जिले के करणपुर से ऐसा ही एक मामला सामने आया है.
हॉस्पिटल के बारे में मिली थी शिकायत
राजस्थान के करौली जिले में करणपुर मुख्यालय स्थित वालेर रोड पर एमडीएस यश हॉस्पिटल के नाम का एक हॉस्पिटल चल रहा था और उसके बारे में स्वास्थ्य विभाग को शिकायत मिली थी. प्राइवेट अस्पताल पर मनमाने तरीके से इलाज की राशि वसूलने और गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार की शिकायत मिली थी. इसके बाद करौली के सीएमएचओ डॉ. जयंतीलाल मीणा के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की एक टीम ने सोमवार, 20 अक्टूबर को अस्पताल का निरीक्षण किया.
जांच में पता चला कि अस्पताल एमसीडी यश हॉस्पिटल करौली के नाम का दुरुपयोग करते हुए आमजन को गुमराह कर रहा था. सीएमएचओ ने वहां मौजूद चिकित्सक डॉ. पंकज चतुर्वेदी अस्पताल से पूछताछ की तो वह हॉस्पिटल से संबंधित कोई वैध रजिस्ट्रेशन दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके.

हॉस्पिटल पर ज्यादा फीस लेने का भी आरोप लगा था
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हॉस्पिटल संचालक पर लगाया जाएगा जुर्माना
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित एमडीएस यश हॉस्पिटल को सीज कर दिया. सीएमएचओ ने बताया कि क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट 2010 के तहत तय मानकों का पालन न करने पर जिला रजिस्ट्रीकरण प्राधिकरण (सीईए) द्वारा अस्पताल को सीज कर दिया गया. साथ ही, बिना अनुमति अस्पताल संचालन पर संबंधित संचालक के खिलाफ जुर्माना भी लगाया जाएगा.
निरीक्षण की कार्रवाई के दौरान अस्पताल में डिलीवरी के बाद भर्ती एक प्रसूता मिली. महिला मरीज़ को सुरक्षित रूप से 108 एंबुलेंस से सीएचसी, करणपुर पहुंचाया गया.
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