Rajasthan News: राजस्थान की राजनीति का ऊंट किस करवट बैठेगा ये कोई कह नहीं सकता है. सालों पुरानी ये कहावत आज भी सच होती नजर आ रही है. प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों पर विजय हासिल करने के लिए कांग्रेस ने अपनी राजनीति की दिशा ही बदल दी है. इस बार पार्टी ने राज्य की 3 सीटों पर गठबंधन किया है, और उन सीटों पर अपने प्रत्याशी भी नहीं उतारे हैं. आजाद भारत में कांग्रेस ने ऐसा पहली बार किया है. वहीं दूसरी ओर निकम्मा-नकारा जैसे बयानों को भूलकर सचिन पायलट पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे का प्रचार करने की बातें कह रहे हैं. ये सब देखकर राजस्थान कांग्रेस के खेमे में हलचल मची हुई है. कांग्रेस के कार्यकर्ता खुद अपनी पार्टी के फैसलों से खुश नजर नहीं आ रहे हैं. ऐसे में NDTV ने राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट से खास बातचीत की है, जिसमें उन्होंने जनता के मन में उठ रहे कई सवालों के खुलकर जवाब दिए हैं.
'राजस्थान में इस बार छाप नहीं छोड़ पाई बीजेपी'
सचिन पायलट से जब कांग्रेस की परफॉर्मेंस को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, '2019 लोकसभा चुनाव के मुकाबले कांग्रेस के परफॉर्मेंस में काफी सुधार हुआ है. इस बार कई सीटें हम जीत रहे हैं. राजस्थान की जनता बीजेपी के झूठे वादों और जुमलों से उब चुके है, और अब उसने बदलाव का मन बना लिया है. दिसंबर 2023 में विधानसभा का चुनाव जीतकर राजस्थान में बनी बीजेपी की सरकार 4 महीने बीतने के बाद भी अपनी छाप नहीं छोड़ पाई है. आज हकीकत ये है कि बीजेपी जनता को महंगाई और बेरोजगारी के सवाल पर जवाब नहीं दे पा रही है. बीजेपी के पास झूठ के अलावा कुछ नहीं है. जबकि कांग्रेस ने जनता को 5 न्याय और 26 गारंटियां दी हैं. कांग्रेस का घोषणा पत्र काफी अच्छा है. लोग उसे पसंद कर रहे हैं और अब वे बदलाव का मन बना चुके हैं. मैं यकीन से कह सकता हूं कि इस बार कांग्रेस राजस्थान में शानदार प्रदर्शन करेगी और बीजेपी का मिशन-25 पूरा नहीं हो पाएगा.
'बांसवाड़ा-डूंगरपुर में कन्फ्यूजन नहीं होना चाहिए था'
इस दौरान सचिन पायलट से बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट पर भारत आदिवासी पार्टी से गठबंधन के बाद शुरू हुए सियासी ड्रामे को लेकर भी सवाल पूछा गया, जिस पर कांग्रेस नेता ने कहा, 'बांसवाड़ा डूंगरपुर में जो कन्फ्यूजन रहा वो नहीं होना चाहिए था. हालांकि मेरे ऐसा मानना है कि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी, भारत आदिवासी पार्टी और लेफ्ट से गठबंधन का फैसला कांग्रेस के हित में है. इससे हमें यकीनन फायदा मिलेगा. पार्टी ने अभी 3 नेताओं को 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है, जिसमें बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर कांग्रेस के टिकट पर मैदान में उतरे प्रत्याशी का भी नाम है. हालांकि अब वो कहने के बाद भी पीछे नहीं हट रहे हैं. मुझे लगता है कि जब ही उस सीट पर चीजे नियंत्रित हो जाएंगी. मैं वैभव गहलोत के प्रचार में भी जा रहा है, और इस कारण भी बता चुका हूं.
'राजस्थान में बीजेपी से अधिक सीटें जीतेगी कांग्रेस'
वैभव का जिक्र होने के बाद NDTV राजस्थान ने कांग्रेस नेता से सीधा सवाल किया कि क्या सचिन पायलट और अशोक गहलोत में सुलह हो गई है? क्या सचिन पायलट अशोक गहलोत को दिल से माफ कर चुके हैं? इस पर सचिन पायलट ने जवाब देते हुए कहा, 'हमारी कोई खास अनबन नहीं थी. हां, सोचने और काम करने के तरीके में अंतर था. मैं सबकुछ भूलकर आगे बढ़ चुका हूं. माफी दिल से ही दी जाती है. नेता को हमेशा मेहनत करते रहना चाहिए. जनता नेता का पसीना बहते देखना चाहती है.' इस दौरान सचिन पायलट ने आयकर विभाग द्वारा कांग्रेस पार्टी के सभी बैंक खाते सीज कर देने पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा, 'हमारे खाते बंद करा दोगे तो लेवल प्लेइंग फील्ड कैसे होगा? चुनाव आयोग को इस पर एक्शन लेना चाहिए. 2004 में भी बीजेपी काफी आश्वस्त थी, मगर वाजपेयी हार गए थे. राजस्थान में बीजेपी से अधिक सीट इस बार कांग्रेस जीतेगी.'
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