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This Article is From Nov 05, 2023

Rajasthan Election 2023: बीजेपी छोड़ने के बाद यूनुस खान का छलका दर्द, बोले- '5 साल तक पीता रहा अपमान का घूंट'

Yunus Khan Interview: बीजेपी छोड़ने के बाद यूनुस खान ने NDTV राजस्थान से खास बातचीत की. इस दौरान उनका दर्द छलक उठा. खान ने कहा कि वे पिछले 5 सालों से अपमान का घूंट पी रहे हैं. अब भाजपा की विचारधारा और सिद्धांत बदल गए हैं.

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Rajasthan Election 2023: बीजेपी छोड़ने के बाद यूनुस खान का छलका दर्द, बोले- '5 साल तक पीता रहा अपमान का घूंट'
यूनुस खान.

Rajasthan News: राजस्थान के पूर्व पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर रहे और प्रदेश भाजपा का इकलौता बड़ा मुस्लिम चेहरा कहे जाने वाले यूनुस खान (Yunus Khan) ने शनिवार को डीडवाना में आयोजित जनसभा से भारतीय जनता पार्टी (BJP) छोड़ने का ऐलान कर दिया. इसके साथ ही यूनुस खान ने मंच से खुले तौर पर बगावत का झंडा बुलंद करते हुए चुनावी मैदान में निर्दलीय रूप से उतरने का भी ऐलान किया. युनूस खान ने भाजपा पर उनकी 5 सालों तक उपेक्षा और अपमान करने का आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि अब भाजपा पंडित दीनदयाल उपाध्याय और अटल बिहारी वाजपेई के सिद्धांतो वाली पार्टी नही रही.

टिकट न मिलने से नाराज हुए खान

आपको बता दें कि पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री यूनुस खान डीडवाना विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की टिकट मांग रहे थे, लेकिन भाजपा नेतृत्व ने यूनुस खान के स्थान पर पूर्व प्रत्याशी रहे जितेंद्र सिंह जोधा को ही दोबारा टिकट दे दिया. इसके बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि यूनुस खान निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं और कल ऐसा ही हुआ. जब यूनुस खान ने डीडवाना स्थित अपने आवास पर अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों की एक आम सभा बुलाई. इसके लिए यूनुस खान कल जयपुर से रवाना होकर सैकड़ों गाड़ियों के भारी भरकम लवाजमें के साथ डीडवाना पहुंचे. डीडवाना विधानसभा में प्रवेश करते ही अनेक स्थानों पर यूनुस खान का जबरदस्त स्वागत हुआ. यूनुस खान के काफिले में शामिल भीड़ और गाड़ियों की संख्या को देखते हुए यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि टिकट कटने के बाद इस रैली के माध्यम से यूनुस खान ने अपनी राजनीतिक ताकत दिखाई है.

'5 सालों तक पीता रहा अपमान का घूंट'

डीडवाना में हुई आमसभा में यूनुस खान ने कहा, 'मैंने चार बार डीडवाना से पार्टी के आदेश पर चुनाव लड़ा और पांचवी बार भी मैं डीडवाना से ही चुनाव लड़ना चाहता हूं. जब पार्टी ने मुझे टोंक भेजने का आदेश दिया था, उसे भी मैंने सहर्ष स्वीकार किया था और पूर्व पीसीसी चीफ सचिन पायलट के सामने चुनाव लड़ना कबूल किया था, जिसमें मुझे हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद से पार्टी द्वारा लगातार मेरी अनदेखी की जा रही है. मुझे उपेक्षित रखा जा रहा है और मेरा अपमान भी किया जा रहा है. पार्टी द्वारा किसी भी कार्यक्रम में मुझे न तो बुलाया जाता है, और ना ही सूचना दी जाती है, जिसका मुझे मलाल है. हालांकि पार्टी ने जिस प्रत्याशी को डीडवाना से टिकट दिया है, मैं उन्हें अपनी शुभकामनाएं देते हैं. लेकिन लोकतंत्र में जनता ही सर्वोपरि होती है और युनुस खान के भविष्य का फैसला भी जनता ही करेगी.'

जनता के आदेश पर लड़ेंगे चुनाव

इसके बाद आमसभा में मौजूद जनता ने यूनुस खान को चुनाव लड़ने को कहा. जनता ने दोनों हाथ उठाकर यूनुस खान के समर्थन में नारे लगाए और उनसे चुनाव लड़ने का आग्रह किया. इस पर यूनुस खान ने कहा कि पार्टी ने उन्हें मान, सम्मान, पद, प्रतिष्ठा सब कुछ दिया, मगर पिछले 5 सालों से उनकी उपेक्षा और अपमान किया जा रहा है. पार्टी ने उन्हें मझधार में छोड़ दिया. इसलिए आज वे भी डीडवाना की जनता के आदेश पर भाजपा छोड़ने का ऐलान करते हैं. साथ ही उन्होंने डीडवाना विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ने का भी ऐलान कर दिया. यूनुस खान ने जनता से कहा कि वे डीडवाना की जनता के हितों और विकास के लिए जनता के ही आदेश पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं, इसलिए यह चुनाव जनता का चुनाव है और उन्हें समूची डीडवाना विधानसभा की जनता का साथ और आशीर्वाद चाहिए.

6 नवंबर को पर्चा भरेंगे यूनुस खान

यूनुस खान ने कहा कि उनके कांग्रेस में शामिल होने की चर्चाऐं चली. कई अलग-अलग पार्टियों ने उन्हें शामिल होने का न्योता दिया, लेकिन अब उनकी कोई पार्टी नहीं होगी ना ही पार्टी का कोई सिंबल होगा. यूनुस खान 6 नवंबर को डीडवाना विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन दाखिल करेंगे. एनडीटीवी से खास बातचीत करते हुए यूनुस खान ने कहा कि भाजपा पंडित दीनदयाल उपाध्याय और अटल बिहारी वाजपेई के सिद्धांत वाली नहीं रही. अब पार्टी में कुछ ऐसे लोग हावी हो गए हैं, जिनका पार्टी की विचारधारा, सिद्धांत और सोच से कोई मतलब नहीं है, बल्कि वे ऐसी विचारधारा और ऐसे लोगों को बढ़ावा दे रहे हैं, जो कुछ समय पहले तक भाजपा का ही विरोध करते रहे हैं.

गाड़ी फूंकने वालों को दिया टिकट

यूनुस खान ने आगे कहा कि टिकट वितरण में पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं और उनकी भावनाओं का अनादर किया गया है. तमाम सर्वे और जनता की राय को दरकिनार कर दिया गया और ऐसे लोगों को टिकट दे दिया गया, जो कुछ समय पहले तक भाजपा का ही विरोध जाता रहे थे. यहां तक की भाजपा नेताओं के विरोध में गाड़ियां तक जला दी. उन्होंने कहा कि प्रदेश की 29 सीटे ऐसी है, जिन पर ऐसे लोगों को टिकट दिया गया है, जो कुछ समय पहले भाजपा को न केवल विरोध कर रहे थे बल्कि कोस भी रहे थे. यूनुस खान ने कहा कि वह अपना लिखित इस्तीफा पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को भेज रहे हैं, ताकि पार्टी को उनके खिलाफ निलंबन या निष्कासित करने जैसी कार्रवाई न करनी पड़े। वह अपनी स्वेच्छा से इस्तीफा दे रहे हैं.

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