Rajasthan News: राजस्थान उपचुनाव में देवली-उनियारा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा (Naresh Meena) गुरुवार सुबह टोंक (Tonk) जिले के समरावता (Samravata) गांव पहुंचे. इस दौरान उन्होंने मीडियो से बातचीत में कहा कि वे सचिन पायलट, हनुमान बेनीवाल, किरोड़ी लाल मीणा, कर्नल बैंसला और लालू यादव की तरह बनना चाहते हैं. क्योंकि इन सभी नेताओं ने संघर्ष की राजनीति की है. हालांकि उनके सबसे पसंदीदा नेता सचिन पायलट ही हैं. उनका कहना है कि वे आज भी पायलट को अपना बड़ा भाई मानते हैं.
'मैं इंतजार कर रहा हूं, पुलिस आए और गिरफ्तार करे'
नरेश मीणा से जब उनकी आगे की रणनीति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'मैं अभी गांव के लोगों से बातचीत करूंगा. उनसे पूछूंगा कि वे क्या चाहते हैं. उनकी मर्जी के मुताबिक ही मैं अपनी आगे की रणनीति बनाऊंगा.' जब एक मीडियाकर्मी ने पूछा कि रणनीति बनाने से पहले अगर पुलिस आपको गिरफ्तार करने आ गई तो आप क्या करेंगे? इसके जवाब में नरेश मीणा ने कहा कि आने दो उन्हें. कर लेने दो अरेस्ट. मैं पहले ही पुलिस वालों से कहा था कि मुझे हल्के में मत लो. मैं बार-बार कह रहा था कि कलेक्टर को बुला दो. लेकिन उन्होंने एक नहीं सुनी. मैंने SDM को थप्पड़ मार दिया, फिर भी वे नहीं माने. तब मैंने कहा कि चलो SP से ही बात करा दो. जो वे कहेंगे कह लेंगे. लेकिन किसी ने मेरी एक ना सुनी. अब मैं इंतजार कर रहा हूं कि पुलिस आए और मुझे गिरफ्तार करे.'
'मुझे हरीश मीणा और कलेक्टर पर शक है'
NDTV राजस्थान से एक्सक्लूसिव बातचीत में नरेश मीणा ने कहा कि समरावता गांव में इस वक्त की तस्वीरें विचलित करने वाली हैं. घरों में खून पड़ा हुआ है. बुजुर्गों को मारा गया है. ये बहुत बड़े लेवल का षडयंत्र है. मुझे हरीश मीणा पर शक है, क्योंकि वो पुलिस का DGP रहा है. उसी ने यह सब करवाया है. मुझे शक है कि कलेक्टर बीजेपी के इशारों पर काम कर रही थीं. मैं इस गांव में आज हालात देखने की आया हूं. जो लोग मेरे साथ खड़े थे, आज मैं उनके साथ खड़ा हूं.
पुलिस हिरासत से कैसे भागे नरेश मीणा?
नरेश मीणा ने NDTV राजस्थान से खास बातचीत में बताया, 'धरने पर बैठे सभी लोगों के लिए पिकअप से खाना आया था. मैं खाना लेने गया था. मेरे वहां पहुंचते ही मुझे ASP ने पकड़ लिया और अपने साथी पुलिसकर्मियों से कहा कि डालो इसे जीप में. इसके बाद वहां पथराव हुआ. लाठीचार्ज हुआ. इसके बाद पुलिस वाले वहां से भाग गए. फिर मैं अपनी मर्जी से गाड़ी से उतरा और पुलिस की गाड़ी में बैठे ड्राइवर को हमले से बचाया. थोड़ा आगे पहुंचने के बाद दोबारा पुलिस की बड़ी फोर्स ने हम पर हमला किया, उसके बाद मिर्चीं बम फेंके गए, जिसमें मैं बेहोश हो गया.
ये भी पढ़ें:- 'मैं कलेक्टर को इसका जिम्मेदार मानता हूं', समरावता पहुंचे नरेश मीणा बोले- 'SDM मीणा होता तो भी पिटता'