
Elephant Attacked in Amber: जयपुर के आमेर किले (Amber Fort) में किले पर जाने के लिए हाथी की सवारी होती है. यह सिलसिला कई दशकों से जारी है. लेकिन हाथी काई बार बिदक कर पर्यटकों पर ही हमला कर देते हैं. आमेर की हथिनी 'गौरी' ने कई बार पर्यटकों पर हमला किया है. जीव जंतुओं के संरक्षण के लिए काम करने वाली संस्था PETA इंडिया कई बार हथिनी को अभ्यारण में भेजने के लिए पत्र लिख चुकी है. हमले का ताजा मामला इसी महीने का है जब 13 फरवरी को आमेर किले के मुख्य प्रांगण में 'गौरी' ने एक महिला रूसी पर्यटक पर हमला कर दिया.
16 महीने से, पेटा इंडिया राजस्थान के पुरातत्व और संग्रहालय विभाग से गौरी को सवारी के लिए इस्तेमाल बंद करने और उसे एक अभयारण्य में भेजने की अपील कर रहा है. पेटा इंडिया ने राजस्थान की उपमुख्यमंत्री सह पर्यटन, कला और संस्कृति, पुरातत्व और संग्रहालय मंत्री दीया कुमारी को पत्र लिखकर गौरी के पुनर्वास और सभी हाथी की सवारी को तुरंत पर्यावरण-अनुकूल मोटर चालित वाहनों से बदलने की मांग की मांग की है.
गौरी नाम की हथिनी ने आमेर के किले में एक रूसी पर्यटक पर हमला कर दिया. जिससे उसका पैर टूट गया. इस से पहले भी ये हथिनी हमला कर चुकी है. PETA इंडिया ने सरकार से किले की सवारी हेतु हाथी के उपयोग को रोकने का आग्रह किया है.#ndtvrajasthan #rajasthan #aamerfort #jaipur pic.twitter.com/GcY6lBRVbQ
— NDTV Rajasthan (@NDTV_Rajasthan) February 29, 2024
सीसीटीवी में रिकॉर्ड हुई पूरी घटना
आमेर किले में सीसीटीवी पर रिकॉर्ड किए गए हमले में 'गौरी' को रूसी पर्यटक को अपनी सूंड़ से पकड़ते हुए, उसे जोर से झुलाते हुए और फिर उसे जमीन पर पटकते हुए देखा जा सकता है, जिससे उसका पैर टूट गया. महावत को हाथी की पीठ से गिरते हुए भी देखा जा सकता है. इससे पहले 2022 में गौरी ने एक दुकानदार पर हमला किया था जिससे उसकी पसलियां और अन्य हड्डियां टूट गईं और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया.
इलेक्ट्रिक कारों के इस्तेमाल का आग्रह
PETA इंडिया की एडवोकेसी प्रोजेक्ट्स निदेशक खुशबू गुप्ता का कहना है, "सवारी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले हाथियों को दर्द और भय के द्वारा नियंत्रित किया जाता है और उपयोग में न होने पर उन्हें जंजीरों से बांध दिया जाता है, इसलिए इस तरह के बुरे व्यवहार से होने वाली निराशा इन संवेदनशील पशुओं में से कुछ को आपे से बाहर कर गुस्से में हमलावर बना देती है. इस तरह की अनहोनी का आभास होने के बावजूद, आमेर किले में पर्यटकों को ले जाने के लिए गौरी से लगातार सवारी करवाई जा रही है. PETA इंडिया ने राजस्थान के अधिकारियों से उसे एक अभयारण्य में भेजने और पर्यटक सवारी हेतु हाथियों के इस्तेमाल की जगह इलेक्ट्रिक कारों का इस्तेमाल करने का आग्रह किया है.