Indian Air Force War Exercises: भारतीय वायु सेना के जवानों ने युद्ध के वक्त दुश्मन का क्या हाल होगा इसका सटीक उदाहरण अपने हमलों के माध्यम से इस अभ्यास में दिखाया. जैसलमेर के सरहद पर एशिया की सबसे बड़ी रेंज पोखरन फायरिंग रेंज में इंडियन एयरफोर्स का फायर पावर डेमोस्ट्रेशन वायु शक्ति - 2024 लगभग शाम 5 बजे शुरु हुआ. वायुशक्ति की शुरुआत होते ही पोखरन रेंज का मंजर कुछ वैसा ही था, जैसा कि युद्ध के दौरान सीमा पर होता है. युद्धाभ्यास की शुरुआत में 3 चेतक हेलीकाप्टर्स ने फ्लैग पास्ट किया. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, जनरल अनिल चौहान ने मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिया. इस वर्ष के अभ्यास की थीम थी 'लाइटिंग स्ट्राइक फ्रॉम द स्काई'.
वायु सेना ने दिखाया अपना पराक्रम
युद्ध के मैदान में तबाही का मंजर जगुआर ने शुरु किया. 2 जगुआर जेट ने 1700किमी/घंटा की रफ्तार से उड़ान भरी और आसमान से जमीन पर वार करते हुए 6000 पाउंड बम दुश्मन के ठिकानों(मॉडल) में मौजूद इंधन सोर्स ( फ्यूल सिस्टम) पर गिराकर उन्हें उड़ा डाला. इस मंजर को और भी खतरनाक सुखोई 30 MKI ने बनाया. 2 सुखोई 30 ने हमला करते हुए अशोक फॉर्मेशन से दुश्मन की हवाई पट्टी को नष्ट किया, ताकि उनका कोई विमान हवाई उड़ान न भर सके.
जब राफेल की हुई एंट्री
यह पहला मौका है जब वायु शक्ति में राफेल की एंट्री हुई है. राफेल ने हवा से जमीन पर हमला करते हुए आसमान से मीका मिसाइल फायर की. इस हमले में दुश्मन का ठिकाना मटियामेट हो गया. राफेल 2200 से 2300 किमी/घंटा की रफ्तार से उड़ान भरकर हमला करने में सक्षम है.
स्वदेशी तेजस ने दिखाया कमाल
स्वदेशी तेजस ने आत्मनिर्भर भारत का संदेश देते हुए दुश्मन के इलाके में एंट्री ली. पलक झपकते ही 9 हजार फीट की ऊंचाई से गाइडेड बम से हमला किया तो मैदान में धमाकों की गूंज ने एक बार के लिए सबके कान सून्न कर दिए. अब बारी थी दुश्मन के अस्त्र आयुध नष्ट करने की. मिग 29 ने एक के बाद एक बम सटीकता के साथ गिराकर दुश्मन के हथियारों के गोदाम को मानो गायब ही कर दिया. दुश्मन यह सब समझ पाता तब तक वायु वीरों मे 9 नंबर टारगेट को भी ढहा दिया. यह हमला नकुल फॉर्मेशन में हॉक मिसाइल से किया गया था.
चिनुक ने आसमान में बरसाए गोले
अभ्यास के दौरान C- 130 सुपर हरक्यूल्स कार्गो विमान से हवा में पैराशूट के माध्यम से युद्ध के मैदान में आवश्यक सामान को उतारा गया. वहीं जब सब कुछ हमारे जाबाजों के कंट्रोल में था तो लॉकहिड मार्टिन सी - 130 सुपर हरक्यूल्स कार्गो विमान को युद्ध में लैंड करवाकर युद्ध को लगातार लड़ने के लिए सामग्री पहुंचाई गई. वहीं चिनुक हेलीकॉप्टर से इस रण में तोप को शिफ्ट करके आसमान में गोले बरसाए गए.
भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमान
राफेल सुखोई -30, MIG- 29 सहित भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों ने मिराज-2000, तेजस और हॉक पर घातक सटीकता के साथ जमीन और हवा में नकली दुश्मन के ठिकानों पर हमला किया और उन्हें नष्ट कर दिया. ये हमले कई तरीकों और दिशाओं में किए गए, जिसमें विभिन्न प्रकार के सटीक निर्देशित युद्ध सामग्री के साथ-साथ पारंपरिक बम और रॉकेट का उपयोग किया गया.'आत्मनिर्भर भारत' के प्रति भारतीय वायुसेना की दृढ़ प्रतिबद्धता को कायम रखते हुए, स्वदेश निर्मित तेजस विमान ने अपनी स्विंग-रोल क्षमता का प्रदर्शन किया. एक मिसाइल के साथ एक हवाई लक्ष्य को नष्ट कर दिया, इसके बाद बमों के साथ एक जमीनी लक्ष्य को नष्ट कर दिया.
मानव रहित ड्रोन का प्रदर्शन
युद्ध क्षेत्र में तकनीकी प्रगति को ध्यान में रखते हुए और हाल के संघर्षों से सीखे गए सबक के अनुसार, भारतीय वायुसेना ने एक लंबी दूरी के मानवरहित ड्रोन का भी प्रदर्शन किया, जिसने सटीकता के साथ एक नकली दुश्मन रडार साइट को नष्ट कर दिया. राफेल ने दृश्य सीमा से परे हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल के साथ एक हवाई लक्ष्य को भी सफलतापूर्वक भेद दिया.
हवा से जमीन पर मार करने वाली मिशाइल
परिवहन विमान द्वारा लड़ाकू सहायता अभियानों में सी-17 हेवी-लिफ्ट विमान द्वारा कंटेनरीकृत डिलीवरी सिस्टम ड्रॉप और आईएएफ विशेष बल, गरुड़ ले जाने वाले सी-130जे द्वारा आक्रमण लैंडिंग शामिल थी. अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर ने पहली बार इस कार्यक्रम में हवा से जमीन पर मार करने वाली निर्देशित मिसाइलों के साथ लक्ष्य को भेदकर अपनी मारक क्षमता का प्रदर्शन किया, जबकि एमआई-17 हेलीकॉप्टरों ने रॉकेटों से जमीनी लक्ष्यों पर निशाना साधा.
संयुक्त अभियानों में भारतीय वायुसेना और भारतीय सेना के उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर एमके-IV के हथियारयुक्त संस्करण शामिल थे, जिन्होंने अपने रॉकेट और कुंडा बंदूकों का उपयोग करके नकली दुश्मन के लक्ष्यों को नष्ट कर दिया. एक और पहली बार, भारतीय वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टरों ने भारतीय सेना के एम-777 अल्ट्रा-लाइट हॉवित्जर तोपों को अंडरस्लंग मोड में एयरलिफ्ट करके लड़ाकू संपत्तियों की तेजी से तैनाती का प्रदर्शन किया, जिससे जमीन पर नकली दुश्मन के लक्ष्यों को तुरंत नष्ट किया जा सके.
सूर्यास्त होने के बाद भी दिखा करतब
सूरज डूबते ही एमआई-17 हेलीकॉप्टरों द्वारा शामिल गरुड़ ने आतंकवाद विरोधी/उग्रवाद विरोधी अभियानों में अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते हुए 'शहरी हस्तक्षेप' चलाया, जिसका उद्देश्य शत्रु तत्वों के ठिकानों को साफ करना था. कई हवाई लक्ष्यों को नष्ट करने वाली स्वदेशी वायु रक्षा प्रणाली, आकाश और एसएएमएआर मिसाइल प्रणालियों का भी प्रदर्शन किया गया.
रात के कार्यक्रमों में पहली बार स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर 'प्रचंड' की क्षमताओं का प्रदर्शन किया गया, जिसमें उसने निर्धारित लक्ष्य को रॉकेट से मार गिराया. इसके बाद रात में जगुआर और Su-30 MKI ने भारी क्षमता वाले और क्षेत्रीय हथियार गिराए, जिससे भारतीय वायुसेना की रणनीतिक बमबारी क्षमता का प्रदर्शन हुआ. दूर से संचालित विमान ने सभी लक्ष्यों पर बम क्षति का आकलन किया, जिसे संचालन केंद्र और दर्शकों के लिए लाइव स्ट्रीम किया गया.
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