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This Article is From Jan 29, 2024

ई-मित्र की आड़ चल रहा साइबर फ्रॉड का गोरखधंधा, आरोपी के पास से मिले एटीएम से लेकर चेक बुक और दर्जनों आधार कार्ड

ई-मित्र की आड़ में फर्जी दस्तावेज बनाकर बैंक खाते खुलवा साइबर फ्रॉड और ऑनलाइन गेमिंग करने वाले अपराधियों को बेचने के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया.

ई-मित्र की आड़ चल रहा साइबर फ्रॉड का गोरखधंधा, आरोपी के पास से मिले एटीएम से लेकर चेक बुक और दर्जनों आधार कार्ड
ई-मित्र की आड़ में साइबर फ्रॉड का काम

Jodhpur Crime: राजस्थान के जोधपुर में अपराधियों के हौसले बुलंद है. जहां एक ओर गैंगस्टरों का यहां बोलबाला है. वहीं साइबर ठगी (Cyber Fraud) में भी जोधपुर आगे बढ़ता जा रहा है. ताजा मामला आपको और चौंका देगा जहां ई-मित्र की आड़ में साइबर फ्रॉड का गोरखधंधा चलाया जा रहा था. हालांकि, पुलिस ने इस साइबर फ्रॉड के गोरखधंधे का भांडाफोड़ कर दिया है. कमिश्ररेट की मंडोर पुलिस ने ई-मित्र की आड़ में फर्जी दस्तावेज बनाकर बैंक खाते खुलवा साइबर फ्रॉड और ऑनलाइन गेमिंग करने वाले अपराधियों को बेचने के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया.

हालांकि, इस मामले में मुख्य आरोपी फरार चल रहा है. पुलिस ने ई-मित्र पर छापा मारकर इसका संचालन करने वाले दो युवकों के पास से 60 आधार कार्ड, 20 डेबिट कार्ड, 15 पैन कार्ड, 5 बैंक पासबुक, 8 चेक बुक और 2 सरकारी मोहरें जब्त की है.

ऑपरेशन साइबर वज्र प्रहार 1.0 के तहत डीसीपी (पूर्व) डॉ.अमृता दुहन, आईपीएस (प्रशिक्षु) शालिनी, एडीसीपी (पूर्व) नाजिम अली के निर्देश पर एसीपी (मंडोर) पीयूष कविया के सुपरविजन में एक टीम गठित की गई. जिसमें मंडोर थानाधिकारी विक्रम सिंह को शामिल किया गया. टीम ने कार्रवाई करते हुए ओसियां के गाडो का बास हाल पहाड़गंज प्रथम निवासी पूरण सिंह और फलोदी के मतोड़ा हाल पहाड़गंज द्वितीय निवासी जितेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया। इसका मुख्य आरोपी करणपाल अभी तक फरार चल रहा है. जिसकी तलाश में पुलिस ने टीमें लगा रखी है.

मुखबिर की सूचना से पकड़े गए आरोपी 

डीसीपी (पूर्व) डॉ.दुहन ने बताया कि थानाधिकारी विक्रम सिंह को मुखबिर से सूचना मिली कि पूरण सिंह, जितेंद्र सिंह और करण सिंह उर्फ केपी जिसके मोबाइल 7357497673 और 8209954432 है. वह अभी राजस्थान ई-मित्र के नाम से किशोरबाग चलाता है. जिनके पास बहुत से डेबिट कार्ड, विभिन्न नाम से आधार/जन आधार, पेन कार्ड और विभिन्न बैंक के खातों की पास बुकें व फर्जी सरकारी सीलें हैं.

लोगों को लालच देकर उनसे खुलवाते थे खाते 

अपराधियों ने लोगों को लालच देकर उनसे खाते खुलवाकर खाते का संपूर्ण एक्सेस जैसे इंटरनेट बैंकिंग, यूजर आईडी पासवर्ड, डेबिट कार्ड व पासबुक लेकर साइबर फ्रॉड व ऑनलाइन गेमिंग करने वाले अपराधियों को खाते उपलब्ध करवाते हैं. उनकी तुरंत दस्तयाबी कर उनके पास से बड़ी संख्या में दस्तावेज और सीलें बरामद की जा सकती ह. इस पर टीम मुखबिर के बताए राजस्थान ई-मित्र पर पहुंची। जहां पर दो संदिग्ध व्यक्ति मिले. जिनसे नाम पता पूछा तो एक ने अपना नाम पूरण सिंह और दूसरे ने जितेंद्र सिंह बताया. इस पर पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर थाने लाई.

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