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उदयपुर में दूषित पानी से मासूमों की मौत, 4 बच्चों की मौत के बाद भी प्रशासन मौन! फैक्ट्रियों को लेकर ग्रामीणों का फुटा गुस्सा

गांव में बनी यूएस अमीनो प्राइवेट लिमिटेड और एक अन्य फैक्ट्री को ग्रामीण इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार मान रहे हैं। उनका कहना है कि इन फैक्ट्रियों से निकलने वाले केमिकल सीधे जमीन में रिस रहे हैं और भूजल को जहर बना रहे हैं।

उदयपुर में दूषित पानी से मासूमों की मौत, 4 बच्चों की मौत के बाद भी प्रशासन मौन! फैक्ट्रियों को लेकर ग्रामीणों का फुटा गुस्सा
ग्रामीण बच्चे की लाश के साथ धरने पर बैठे

Udaipur News: उदयपुर जिले के फतहनगर थाना क्षेत्र के वासनी कला गांव में दूषित पानी ने एक और मासूम की जान ले ली. बताया जा रहा है कि पिछले कई महीनों से गांव का भूजल जहरीला हो गया है. अब तक चार बच्चों की मौत हो चुकी है, लेकिन प्रशासन की चुप्पी बरकरार है. ग्रामीणों का आरोप है कि गांव के पास बनी दो निजी फैक्ट्रियों से निकलने वाले जहरीले केमिकल भूजल में घुल रहे हैं, जिससे पीने का पानी दूषित हो गया है.

रविवार को उस वक्त गांव में हड़कंप मच गया जब दूषित पानी पीने से एक और बच्ची की मौत हो गई. यह कोई पहली मौत नहीं थी — ग्रामीण बताते हैं कि कुछ ही दिनों में चार मासूमों की जिंदगी इसी जहरीले पानी ने छीन ली है. लोगों का कहना है कि सप्लाई हो रहा पानी बदबूदार और गंदा है. कई बार इसकी शिकायत जलदाय विभाग और प्रशासन तक की गई, लेकिन किसी ने सुनवाई नहीं की.

केमिकल सीधे जमीन में रिस रहे हैं 

गांव में बनी यूएस अमीनो प्राइवेट लिमिटेड और एक अन्य फैक्ट्री को ग्रामीण इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार मान रहे हैं. उनका कहना है कि इन फैक्ट्रियों से निकलने वाले केमिकल सीधे जमीन में रिस रहे हैं और भूजल को जहर बना रहे हैं. फैक्ट्रियों से निकलने वाला दूषित पानी आसपास के कुओं और नालों में भी मिल रहा है, जिससे पूरा इलाका प्रदूषित हो चुका है.

सैकड़ों ग्रामीण सड़कों पर उतर आए

मासूम की मौत के बाद गांव में गुस्सा फूट पड़ा. सैकड़ों ग्रामीण सड़कों पर उतर आए और फैक्ट्रियों को बंद कराने की मांग करते हुए जोरदार प्रदर्शन किया. ग्रामीणों ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने और दोषी फैक्ट्री मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. हालात को काबू में करने के लिए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है.

चार बच्चों की मौत के बाद भी प्रशासन खामोश क्यों?

गांव वालों का कहना है कि वे कई बार प्रशासन को लिखित शिकायत दे चुके हैं, लेकिन न तो पानी की जांच रिपोर्ट सामने आई और न ही फैक्ट्रियों पर कोई कार्रवाई हुई. अब सवाल यह है कि चार बच्चों की मौत के बाद भी प्रशासन खामोश क्यों है? क्या किसी बड़े हादसे का इंतजार किया जा रहा है या फिर इन फैक्ट्रियों की आड़ में कोई बड़ा खेल चल रहा है?

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