Rajasthan News: राजस्थान के भरतपुर जिले में लगातार धर्मांतरण के मामले को उछाला जा रहा है. लगातार विश्व हिंदू परिषद के लोग ईसाई संगठनों की सभा पर पैनी नजर बनाए रख रहे हैं. भरतपुर में जगह-जगह ईसाईयों से जुड़े लोगों की सभाओं में विश्व हिंदू परिषद के लोग पहुंचकर जांच कर रहे हैं. जबकि इस मामले में पुलिस भी जांच कर रही है लेकिन उनके हाथ कुछ ऐसे सबूत नहीं लगे हैं जो यह सिद्ध करता है कि किसी तरह का धर्मांतरण हो रहा है. वहीं, पुलिस का भी कहना है कि कुछ लोग इसे तूल देने की कोशिश कर रहे हैं.
हाल ही में भरतपुर में एक होटल में ईसाईयों की सभा चल रही थी जिसमें 400 लोग शामिल थे. वहीं, जब बीजेपी और विश्व हिंदू परिषद से जुड़े लोग वहां पहुंचे तो अफरातफरी मच गई. हालांकि, यहां से जिन लोगों की गिरफ्तारी हुई उनके काम में संदिग्धता दिखाई देती है. लेकिन धर्मांतरण के मामले में किसी तरह पुष्टि नहीं हो पाई है. पुलिस इस मामले में जांच कर रही है और पैसों के लेन देन से जुड़े मामलों को लेकर छानबिन की जा रही है.
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भरतपुर में एक और मामले पर हुआ हंगामा
भरतपुर के पीपला में धर्मांतरण की सूचना पर विश्व हिंदू परिषद और बीजेपी के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे थे. इन्हें देख वहां आए लोग भाग निकले. वहीं, कार्यकर्ताओं का दावा है कि यहां धर्मांतरण का कार्य चल रहा था. इस मामले में चिकसाना थाना पुलिस ने एक व्यक्ति को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. जबकि पुलिस का कहना है कि उन्हें धर्मांतरण से जुड़े कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं. पुलिस का कहना है कि कुछ लोग इस मामले को तूल दे रहे हैं जबकि इस प्रकार का कोई मामला नहीं है.
विश्व हिंदू परिषद और बीजेपी कर रही धर्मांतरण का दावा
विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष लाखन सिंह का कहना है कि गांव पीपला में भी धर्मांतरण चल रहा था. अजय नाम के व्यक्ति के घर धर्मांतरण का कार्य चल रहा था. करीब दो दर्जन से अधिक लोग सभा में मौजूद थे. अजय सिंह के घर से छानबीन के दौरान बाइबल और ईसाई धर्म से जुड़े दो सर्टिफिकेट भी मिले हैं. एक सर्टिफिकेट थियोलोजी नाम से है इनकी भाषा में इसका अर्थ है कि जो शरीर में बीमारी है वहां हाथ लगा देंगे तो बीमारी खत्म हो जाएगी. जबकि दूसरे सर्टिफिकेट में लाइफटाइम लिखा हुआ था इसका मतलब है कि इसाई बन चुके हैं.
हालांकि, इसकी कोई पुष्टि नहीं हो रही है कि लाइफटाइम लिखा होने पर इसे मान लिया जाए की वह ईसाई धर्म में परिवर्तित हो चुका है. जबकि जिन लोगों के पास सर्टिफिकेट हैं वह नहीं मान रहे हैं कि उन्होंने धर्म परिवर्तन किया है.
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