Isarda Dam Overflow: टोंक जिले के टोंक, मालपुरा और पीपलू उपखण्ड में हुई शुक्रवार को भारी बरसात के बाद बनास नदी पूरे वेग से बहती नजर आ रही है. बनास नदी पर बना ईसरदा कॉपर डैम लबालब हो छलक चुका है लेकिन बनास पर बन रहा 1856 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन ईसरदा बांध में इस बार कुछ पानी संग्रहण करने की उम्मीदों को एक बार फिर से ग्रहण लग गया है. बनास में आये पानी के बाद बांध पर निर्माण कंपनी के लोग अपनी मशीनरी समेटते नजर आए.
6 शहर और 1256 कस्बों को अभी और करना होगा इंतजार
बांध का निर्माण कार्य पूरा नहीं होने से दौसा -सवाई माधोपुर के 6 शहर और 1256 कस्बों को अभी अगले मानसून तक पानी मिलने का इंतजार करना होगा. ईसरदा बांध का निर्माण अब तक लगभग 80 प्रतिशत के आसपास पूरा हुआ है. बांध निर्माण की तीसरी डेड लाइन पर निर्माण पूरे होने की कोई संभावना अब नजर नहीं आ रही है. फिलहाल 10 फीट की भराव क्षमता का कॉपर डैम लबालब होकर ओवरफ्लो होकर सरकारी प्रोजेक्ट की कछुआ चाल पर आंसू बहाता नजर आ रहा है.
बांध का निर्माण कार्य रुका
शुक्रवार को टोंक जिले के देवली से लेकर मालपुरा, पीपलू और टोंक में भारी बरसात के बाद बनास नदी अपने पूरे परवान पर है तो ईसरदा बांध से होकर इसका पानी शुक्रवार रात से ही चंबल की ओर बढ़ता नजर आया. बनेठा के पास ईसरदा बांध निमार्ण कार्य से जुड़े इसके कर्मचारी अपनी मशीनरी निकालने में जुटे नजर आए. शनिवार को बनेठा से ईसरदा शिवाड़ जाने वाला बनास नदी से गुजरता वैकल्पिक सड़क मार्ग बंद हो गया.
ईसरदा कॉपर डैम पर चादर शुरू हो गई
2008 में बना ईसरदा कॉपर डैम एक बार फिर लबालब हो चुका है. बनास नदी पर ईसरदा मुख्य बांध निर्माण कार्य के लिए बनाया गया दस फीट भराव क्षमता का कॉफर डैम शनिवार सुबह लगभग सात बजे बनास नदी मे पानी की आवक बढ़ने से ओवरफ्लो हो गया. ईसरदा कॉपर डैम पर चादर शुरू हो गई. बनास नदी में पानी की आवक बढ़ने से चैनल गेटों में से पानी लबालब होकर बांध निर्माण क्षेत्र मे होकर बनास नदी मे बहता हुआ नजर आया.
इस परियोजना से 2025 के बाद ही सवाई माधोपुर जिलों के गांवों और शहरों के लाखों लोगों को मिल पायेगा. दो चरणों के पूरे होने के बाद इस बांध में कुल 10.77 टीएमसी पानी का संग्रहण किया जा सकेगा.