
Rajasthan: जाट आरक्षण संघर्ष समिति की हुंकार सभा में जाट समाज ने अपनी मांगों को लेकर एकजुटता दिखाई. सभा में नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल और भरतपुर सांसद संजना जाटव सहित बड़ी संख्या में जाट समाज के लोग शामिल हुए. भरतपुर, धौलपुर और डीग जिलों के जाट समाज को केंद्रीय सेवा में OBC आरक्षण देने की मांग के साथ राज्य स्तर की तीन मांगें भी रखी गईं. जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने मांगे पूरी करने के लिए सरकार को एक महीने का समय दिया गया है, अगर सरकार मांगें नहीं मानती है, तो जाट समाज गांधीवादी तरीके से नहीं बल्कि, पटरी और सड़क पर आंदोलन करेगा, जिसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी.
ओबीसी आरक्षण की मांग
जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने बताया की भरतपुर, धौलपुर और डीग तीनों जिलों में केंद्रीय सेवा में ओबीसी आरक्षण की मांग की. जिनमें 2015 - 2017 तक विभिन्न विभागों में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति देना, महाराजा सूरजमल कल्याण बोर्ड का गठन करना और आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमे वापस लेना शामिल है. रविवार को हुंकार सभा में नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल, भरतपुर सांसद संजना जाटव सहित तीनों जिले के जाट समाज के लोग पहुंचे.
सरकार को एक महीने का अल्टीमेटम
हुंकार सभा के बाद प्रमुख लोगों से चर्चा करने के बाद अंतिम निर्णय लिया गया है कि सरकार को एक महीने का समय देते हैं. हमारी तीन मांग तो राज्य स्तर की है, एक मांग केंद्र सरकार के स्तर की है. ओबीसी वर्ग में शामिल करने के लिए जो भी कागजी कार्रवाई है, वह राज्य सरकार के द्वारा की जा चुकी है. इसमें सिर्फ केंद्र सरकार को नोटिफिकेशन करना है.
रेल पटरी और सड़क जाम करने की धमकी
जाट आरक्षण समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने बताया, "राज्य सरकार से हमारी मांग है कि वह व्यक्तिगत रूप से नोटिफिकेशन जारी कराए. सरकार के पास एक महीने का समय है, इसके बाद हम गांधीवादी तरीके से नहीं बल्कि, हमारा आंदोलन पटरी और सड़क पर होगा, जिसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी."
यह भी पढ़ें: राजस्थान से दिल्ली कूच करेगा जाट समाज, केंद्र में आरक्षण पर बेनीवाल बोले- अब आर पार की लड़ाई होगी