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This Article is From Sep 23, 2023

जयपुर हैरिटेज नगर निगम की मेयर मुनेश गुर्जर फिर निलंबित, जयपुर हाईकोर्ट ने किया था बहाल

मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ प्रशासनिक जांच में उन्हें पद का दुरुपयोग करने का दोषी माना गया है. इसके बाद स्वायत्त शासन विभाग ने निलंबन आदेश जारी की है. दरअसल 4 अगस्त को मेयर मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर को एसीबी ने पकड़ा था.

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जयपुर हैरिटेज नगर निगम की मेयर मुनेश गुर्जर फिर निलंबित, जयपुर हाईकोर्ट ने किया था बहाल
मुनेश गुर्जर
Jaipur News:

जयपुर हैरिटेज नगर निगम की मेयर मुनेश गुर्जर को एक बार फिर निलंबित किया गया है. स्वायत शासन विभाग ने अपने आदेश में लिखा कि मेयर के पद पर रहने पर सही तरीके से जांच नहीं हो पाएगी. इस कारण से मेयर मुनेश गुर्जर को फिर से निलंबित किया गया है. वहीं मेयर मुनेश गुर्जर को वार्ड 43 की सदस्यता से भी निलंबित किया गया है. मेयर मुनेश गुर्जर ने एक माह पहले राजस्थान हाई कोर्ट से राहत मिलने पर 24 अगस्त को कुर्सी संभाली थी लेकिन अब फिर 22 सितंबर को उन्होंने निलंबित किया गया है. 

दरअसल पट्टे बनाने के मामले में दो लाख रिश्वत मांगने के आरोप में सरकार ने 16 अगस्त को स्थानीय निकाय विभाग के उपनिदेशक को जांच के आदेश दिए थे, जिसकी रिपोर्ट में माना गया था कि मेयर के मकान पर पट्टे की पत्रावलियों का मिलना, पत्रावलियों का लंबित होना, वहीं मेयर के घर पर 40 लाख रूपए नकद मिलना इस बात की ओर इंगित करता है कि पट्टे जारी करने के लिए मेयर मुनेश गुर्जर की प्रथम द्रष्टया संलिप्ता नजर आ रही है. 

इस पूरे मामले में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और मेयर मुनेश गुर्जर के बीच विवाद की पूरे प्रदेश में चर्चा है और राहुल गांधी के जयपुर दौरे से एक दिन पहले ही मुनेश गुर्जर के 14 साल के बेटे दक्ष की ओर से खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और पार्षद मनोज मृदुल पर आरोप लगाए गए थे. 

इसके बाद राज्य सरकार ने अपनी ही पार्टी की मुनेश गुर्जर को फिर से नगर निगम हेरिटेज मेयर और पार्षद पद से निलंबित कर दिया है. इससे पहले हेरिटेज निगम मेयर मुनेश गुर्जर को राजस्थान हाईकोर्ट ने मेयर के निलंबन आदेश को रद्द कर दिया था. अब एक बार फिर मेयर मुनेश गुर्जर अपने पद पर बनी रहेंगी. 

आपको बता दें 5 अगस्त को राज्य सरकार ने मेयर मुनेश गुर्जर को निलंबित कर दिया था. निलंबन आदेश जारी होने के बाद नए मेयर चुने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी थी, और उधर मेयर मुनेश गुर्जर मामले को लेकर हाईकोर्ट पहुंची थी.

मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ प्रशासनिक जांच में उन्हें पद का दुरुपयोग करने का दोषी माना गया है. इसके बाद स्वायत्त शासन विभाग ने निलंबन आदेश जारी की है. दरअसल 4 अगस्त को मेयर मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर को एसीबी ने पकड़ा था. तब मेयर के घर पर 40 लाख रूपए नकद नगर निगम के पट्टे की पत्रावली बरामद हुई थी. इस मामले में मेयर की संलिप्तता सामने दिख रही थी लेकिन जांच करने के बाद जांच में भी मेयर को दोषी और जिम्मेदार बताया गया था. 

17 अगस्त को नोटिस जारी किया था स्वायत शासन विभाग ने और मुनेश गुर्जर से जवाब मांगा था. जिसमें मेयर ने अपने आप को निर्दोष बताने के साथ जो राशि घर में मिली थी उसका जो कारण बताया था उसे स्वायत शासन विभाग ने सन्तोषप्रद नहीं माना. 

हालांकि मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ अभी न्यायिक जांच चल रही है और इसीलिए स्वायत शासन विभाग ने अपने निलंबन आदेश में लिखा है कि न्यायिक जांच को मुनेश गुर्जर मेयर पद पर रहते हुए प्रभावित कर सकती है इसलिए उन्हें पद से हटाना जरूरी है. 

वहीं भ्रष्टाचार के इस मामले में मेयर पति सुशील गुर्जर को हाल ही में हाई कोर्ट से जमानत मिली है. मुनेश गुर्जर के मामले में शुरू से ही जयपुर कांग्रेस की सियासत गर्म है, मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और मुनेश गुर्जर के मतभेद जयपुर में चर्चा का विषय बने हुए हैं.

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