
Jaipur Viral Boy Phone Dropped: राजस्थान में इस साल औसत से पैसठ प्रतिशत ज़्यादा बारिश हुई है. लेकिन मरू प्रदेश में एक तरफ़ जहां लोग बारिश का इंतजार करते हैं, तो वहीं दूसरी ओर जगह-जगह जल भराव से भी जनता परेशान है. इसी बीच एक ऐसी खबर सामने आई जो देशभर में खूब वायरल हुई. दरअसल राजधानी जयपुर में बरसाती पानी में अपने मोबाइल को खोजता ये युवक सिस्टम पे सवाल खड़े कर रहा है. NDTV की टीम ने उस वायरल बच्चे बोनी हालदार को ढूंढ निकाला, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पे ज़बरदस्त तरीक़े से वायरल हो रहा है.
स्कूटी फिसलने से गिरा मोबाइल
सड़क में भरा पानी जहां एक युवक अपने मोबाइल को ढूंढ रहा है, क्योंकि स्कूटी फिसलने से उसका मोबाइल बाहर गिर गया और सड़क में भरे पानी में बह गया. बोनी हलदार अपने पिता के साथ जयपुर के चमेली बाजार में एक छोटे से आभूषण की दुकान चलाता है.
इस अर्ध कीमती आभूषण व्यवसाय को बेहतर करने के लिए बोनी ने किस्तों पे एक आई फ़ोन खरीदा था. ताकि उनकी दुकान पर बनने वाले आभूषण की फोटो वो क्लाइंट्स को भेज सके, एनडीटीवी की टीम वापस उस जगह पे गई जहां बोनी का मोबाइल पानी में बह गया था.
ये उस वायरल वीडियो के पीछे के कहानी...
बता दें कि कुछ दिन युवक का मोबाइल पानी में बह किया था. दो घंटे ढूंढने के बाद उसे ये मोबाइल मिल गया, लेकिन यह मोबाइल अब वो कोई काम का नहीं रहा. बोनी ने अपनी तनख़्वाह से पैसे बचा के मोबाइल इंसटालमेंट पे लिया था. बस 2 महीने के इंस्टॉल मेंट ही बाक़ी थे और मोबाइल पानी में गिर गए खत्म हो गया.
जयपुर के ड्रेनेज सिस्टम सवाल!
जयपुर में नालों की सफाई के लिए करोड़ों का बजट है, लेकिन हर मानसून में शहर जल भराव से जूझता है. यूनेस्को की धरोहर घोषित होने के बावजूद स्मार्ट सिटी मिशन के तहत जयपुर के ड्रेन और गटर साफ करने की कोई व्यवस्था नहीं है. शहरी विकास के नाम पे एक बार 400 करोड़ का बजट बना था, नाली और गटर साफ करने के लिए लेकिन ये क्रियान्वित नहीं हुआ.
थोड़ी सी बारिश में हो जाता है जल भराव
यह जो रामनिवास बाग के सामने का जो रास्ता है. यहां पर ड्रेन जाम होने के कारण पानी का जल भराव रहता है और इसके साथ जुड़ी हैं. एक और समस्या पानी अगर भरा रहता है तो नीचे रोड में कितने और कितने गहरे गड्ढे हैं ये भी नहीं दिखाई देता है. इसके चलते गाड़ियां फंस जाती है और स्कूटी स्लिप हो जाती है.
बोनी वहां पर बैठ के रोता रहा
जब वो किनारे बैठे अपने आसूं पोछ रहा था तो उसके सामने कई लोग उससे गड्ढे में गिरते गिरते बचे हैं. अब आखिरकार प्रशासन ने सुध ली है और कुछ ऊपर लीपापोती जरूर हुई है. यहां पर मिट्टी और कंकर से उस गड्ढे को भर दिया गया है, लेकिन कोई भी ठोस उपाय पानी के रिसाव के लिए फिलहाल यहां पर नहीं दिखाई दे रहा दे रहा है.