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जयपुर के कचौरी व्यापारी का बैंक अकाउंट फ्रीज... कोर्ट ने RBI और केंद्र से मांगा जवाब, चौंकाने वाला है मामला

याचिकाकर्ता पदमचंद का खाता बैंक ऑफ महाराष्ट्र में हैं, जिसे 16 अगस्त को तेलंगाना साइबर क्राइम पुलिस के निर्देश पर बैंक ने फ्रिज कर दिया था. ये अकाउंट उनका मेन अकाउंट था, जो बिजनेस ट्रांजेक्शन में इस्तेमाल होता था.

जयपुर के कचौरी व्यापारी का बैंक अकाउंट फ्रीज... कोर्ट ने RBI और केंद्र से मांगा जवाब, चौंकाने वाला है मामला
राजस्थान हाईकोर्ट

Jaipur News: राजस्थान हाईकोर्ट ने बैंक के साइबर फ्रॉड की शिकायत के चलते एक व्यक्ति के खाता फ्रिज करने के मामले में केंद्र सरकार और आरबीआई से जवाब मांगा है. दरअसल, त्रिवेणी नगर पर कचौरी की दुकान लगाने वाले याचिकाकर्ता पदमचंद कुमार जैन का खाता बैंक ने फ्रिज कर दिया था. इस पर उन्होंने हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी. जस्टिस अनूप ढंढ़ की बेंच ने इस मामले में सुनवाई करते हुए बैंक को खाता डी फ्रिज करने के आदेश दिए हैं.

साथ ही गृह मंत्रालय और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से इस संबंध में उपलब्ध गाइडलाइंस की जानकारी मांगी है. अदालत ने मामले में लीगल इश्यू फ्रेम करते हुए पूछा है कि क्या किसी जांच एजेंसी के निर्देश मात्र से बैंक अकाउंट सीज कर सकती है? याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अक्षत शर्मा ने पैरवी की. 

तेलंगाना साइबर क्राइम पुलिस के निर्देश पर बैंक ने फ्रिज कर दिया

याचिकाकर्ता पदमचंद का खाता बैंक ऑफ महाराष्ट्र में हैं, जिसे 16 अगस्त को तेलंगाना साइबर क्राइम पुलिस के निर्देश पर बैंक ने फ्रिज कर दिया था. ये अकाउंट उनका मेन अकाउंट था, जो बिजनेस ट्रांजेक्शन में इस्तेमाल होता था. इस कारण याचिकाकर्ता को अपने व्यापार में दिक्कत आ रही थी. बैंक ने याचिकाकर्ता को इसके लिए कोई नोटिस भी जारी नहीं किया था. 

वहीं, बैंक की ओर से अधिवक्ता धर्मवीर ठोलिया ने कोर्ट को बताया कि यह पूरा मामला तेलंगाना में हुए एक साइबर फ्रॉड का है. जिसमें एक व्यक्ति के खासे से लाखों रुपए का फ्रॉड हुआ. उससे जुड़े हुए 6 ट्रांजेक्शन याचिकाकर्ता के खाते में हुए थे. इनमें 2 ट्रांजेक्शन तेलंगाना, 2 तमिलनाडू, 1 उड़ीसा और 1 हिमाचल प्रदेश से हुआ. इन सभी ट्रांजेक्शन से कुल 5 हजार रुपए जमा हुए थे. 

क्या है इसमें पॉलिसी?

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि प्रदेश में पुलिस ऐसे सभी मामलों में साइबर पुलिस डीजीपी के 9 मई 2025 के सर्कुलर को फोलो करती हैं. वहीं, केन्द्र सरकार की ओर से बताया गया कि साइबर फ्रॉड के लिए अभी तक कोई पॉलिसी नहीं बनी है, लेकिन उस पर काम चल रहा है. अभी केवल गृह मंत्रालय के सर्कुलर के आधार पर यह काम होता है. इस पर कोर्ट ने गृह मंत्रालय और आरबीआई को स्पष्ट पॉलिसी जारी करने के निर्देश दिए हैं.

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