
Jaislmer News: विश्व पर्यावरण दिवस से ठीक पहले राजस्थान के जैसलमेर से एक बेहद सुखद और दिल को छू लेने वाला नज़ारा सामने आया है. प्रदेश के राज्य पक्षी गोडावण (ग्रेट इंडियन बस्टर्ड) और उसके एक नन्हें चूजे की एक साथ ली गई तस्वीर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है, जिसने पर्यावरणविदों और प्रकृति प्रेमियों में खुशी की लहर दौड़ा दी है.
एक मादा गोडावण के साथ उसके चूजे की तस्वीर वायरल
यह तस्वीर गुरुवार (29 मई 2025) शाम को राष्ट्रीय मरु उद्यान की सैटेलाइट रेंज के पोकरण के अंतर्गत EFH RKVY क्लोजर से ली गई है. इस दौरान एक मादा गोडावण अपने लगभग 20 दिन के चूजे के साथ खुले घास के मैदान में घूमती हुई दिखी. यह दृश्य उन सभी प्रयासों की सफलता को दर्शाता है जो राजस्थान सरकार और विभिन्न पर्यावरण संगठन पिछले कुछ सालों से इस गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजाति की संख्या बढ़ाने के लिए कर रहे हैं.
Breeding season for the #GreatIndianBustard commences in the wild, with the first mother-chick duo of the year spotted in a grassland protected by @ForestRajasthan in #Jaisalmer@moefcc @wii_india @houbarafund @bustardprogram @vrtiwari1 @SutirthaDutta82 #ProjectGIB#Conservation pic.twitter.com/kDY0DjVkUv
— Wildlife Institute of India (@wii_india) May 30, 2025
वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने साझा की तस्वीर
इस मनमोहक तस्वीर को वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (WII) ने अपने आधिकारिक 'एक्स' (पहले ट्विटर) हैंडल पर साझा किया है. WII ने अपनी पोस्ट में खुशी जताते हुए लिखा है कि "ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के लिए प्रजनन का मौसम जंगल में शुरू हो गया है, इस साल की पहली मां-चूजे की जोड़ी को संरक्षित घास के मैदान में देखा गया है." इस पोस्ट के साझा होते ही पर्यावरण प्रेमियों में उत्साह और आशा का संचार हुआ है.
राजस्थान में गोडावणों की स्थिति
गोडावण का वैज्ञानिक नाम आर्डियोटिस नाइग्रिसेप्स (Ardeotis nigriceps) है. यह शिकार और इसके निवास स्थान के नुकसान से गंभीर रूप से संकटग्रस्त है. यह भारत के वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत संरक्षित है. राजस्थान में इसकी लगभग 150 की आबादी इसकी कुल विश्व जनसंख्या का 95% है.
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