
Rajasthan News: इंटरनेशनल डेजर्ट फेस्टिवल (Desert Festival 2024) में हर पल अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं. इसी कड़ी में शुक्रवार शाम जैसाण लोक संगीत व पंजाबी संगीत की स्वर लहरियों में डूबी नजर आई. सांस्कृतिक संध्या में जान डालने का काम जस्सी गिल, बब्बल राय, गाजी खान बरना सहित अन्य कलाकारों ने किया. श्रोता देर रात तक उनके सुरों पर झूमते रहे.
इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत में जिला कलेक्टर प्रताप सिंह सहित अतिथियों द्वारा गाजी खान बरना और चंद्र प्रकाश व्यास को सम्मानित किया गया. प्रस्तुतियों की शुरुआत में कमायचा वादक घेवर खान ने ईडोनी गीत की प्रस्तुति दी और अन्नू ने घुटना चक्री नृत्य की प्रस्तुति दी साथ ही उदाराम ने अग्नि तराजू की प्रस्तुति दी साथ ही गाजी खान बरना एवं ग्रुप ने डेजर्ट सिंफनी की प्रस्तुति देकर दर्शकों को भाव विभोर कर दिया.
झूम कर लोगों ने खूब किया भांगड़ा
जस्सी गिल के आने बाद तो मानो ऐसा रंग जम गया कि कोई अपनी सीट पर बैठ ही नहीं पाया. हर तरफ लोग भांगड़ा करने लगे. जस्सी के फैंस ने तो गानों की फरमाइश इतनी शिद्दत से की तो जस्सी ने भी उनका दिल रखा और कई गाने गए भी और साथ-साथ उनके पीछे की कहानी नहीं बताई. जस्सी गिल और बब्बल राय ने जिने मेरा दिल लुटिया मुंडे भांगड़ा, धीरे-धीरे मेरी जिंदगी में आना, बापू जमींदार, कोका, दिल ले गई कुड़ी गुजरात दी जैसे गानों की प्रस्तुति देकर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया.
जस्सी गिल के बापू जिम्मेदार गाने पर दर्शकों का साथ साथ गाने का अंदाज काफी निराला था और उनके इस गीत से हर कोई स्वयं को कनेक्ट कर पारहा था. कई लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं था. कुछ ने तो कुर्सी पर खड़े होंकर भी भंगड़ा किया. वहीं आज लखमना के मख्मली धोरो पर हर्षदीप कोर के बॉलीवुड़ से लेकर सूफ़ी गीतों की प्रस्तुतियों के साथ महोत्सव का समापन होगा.
यह भी पढ़ें- अब कॉलर का सिर्फ नंबर नहीं..नाम भी दिखेगा, TRAI जल्द ही देशभर में शुरू करेगा सेवा