Rajasthan News: जैसलमेर जिले के छोड़िया गांव के पास लुणेरी तालाब में शनिवार को 6 कुरजा प्रवासी पक्षियों की अज्ञात बीमारी से मौत हो गई, जबकि 2 अन्य पक्षी बीमार हालत में मिले. वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर मृत पक्षियों के शव और बीमार पक्षियों को पशु चिकित्सालय भेजा. बीमार पक्षियों का इलाज किया जा रहा है, जबकि मृत पक्षियों का पोस्टमार्टम कर जांच की जाएगी. DFO आशुतोष ओझा ने बताया कि इन पक्षियों में बर्ड फ्लू की जांच की जाएगी. जिले में इस समय बड़ी संख्या में प्रवासी कुरजा पक्षी तालाबों पर ठहरे हुए हैं.
हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज लैब में भेजे गए सैंपल
हाल ही में राजस्थान के अन्य इलाकों में बर्ड फ्लू के मामले सामने आए हैं. हालांकि जैसलमेर में अभी तक बर्ड फ्लू की पुष्टि नहीं हुई थी, लेकिन एक साथ 6 पक्षियों की मौत और 2 के बीमार मिलने के बाद विभाग अलर्ट पर है. पिछले साल दिसंबर में जोधपुर के फलोदी इलाके के खीचन गांव में मृत कुरजा पक्षियों के सैंपल भोपाल की हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज लैब भेजे गए थे, जहां बर्ड फ्लू की पुष्टि रैपिड रिस्पॉन्स टीम और सर्वेक्षण दल तैनात किए गए हैं.
वन विभाग और पशुपालन विभाग मृत पक्षियों की जांच के जरिए यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि जैसलमेर में भी बर्ड फ्लू फैला है या नहीं. दोनों विभाग स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और त्वरित कार्रवाई के लिए तैयार हैं.
सर्दी में बढ़ने लगती है विदेशी मेहनमान की संख्या
सर्दियों में हजारों किलोमीटर का सफर तय कर कुरजां पक्षी पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर में डेरा डालने आते है. लाठी और देगराय जैसे वन्यजीव क्षेत्रों में 5,000 से अधिक कुरजां पहुंचती हैं, जो तालाबों की रौनक बढ़ा देती है. चीन, कजाकिस्तान और मंगोलिया जैसे देशों में बर्फबारी शुरू होते ही ये पक्षी गर्म और अनुकूल वातावरण की तलाश में राजस्थान का रुख करती हैं.
उनके कलरव से तालाबों का माहौल जीवंत हो उठते है. जैसे-जैसे तापमान गिरता है, इन विदेशी मेहमानों की संख्या बढ़ जाती है. करीब 6000 किलोमीटर का सफर तय कर यह पक्षी पश्चिमी राजस्थान पहुंचते है.
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