
Jalore: राजस्थान के जालोर जिले में भोमिया राजपूत समाज ने युवाओं को नशे के चंगुल से दूर रखने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाया है. रानीखेड़ा में समाज ने निर्णय लिया है कि अब से शादी समारोह, मृत्युभोज और ढूंढोत्सव जैसे किसी भी सामाजिक आयोजन में अफीम, डोडा और शराब समेत सभी तरह के नशीले पदार्थों के सेवन पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा. भोमिया राजपूत समाज छात्रावास में समाज के सैकड़ों सदस्यों की मौजूदगी में हुई अहम बैठक में यह निर्णय लिया गया.
नशामुक्ति के साथ-साथ फिजूलखर्ची पर भी रोक
इस बैठक में वरिष्ठों ने नशा मुक्ति के साथ-साथ समाज में फिजूलखर्ची रोकने की दिशा में सख्त कदम उठाए हैं. इसके तहत उन्होंने मृत्युभोज में मिठाई और शरबत पर रोक लगा दी है. शादियों में हल्दी की रस्म को भी खत्म करने का फैसला लिया गया है। समाज का मानना है कि इन नियमों से सामाजिक अनुशासन बढ़ेगा और स्वस्थ परंपराओं को बढ़ावा मिलेगा.
निर्णय का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा
इस सराहनीय निर्णय का उल्लंघन करने वाले समाज के लोगों पर 51 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा. जुर्माने की यह राशि भगवान सांवलियाजी के मंदिर में जमा कराई जाएगी. समाज के लोगों का मानना है कि इस निर्णय से युवा पीढ़ी को सकारात्मक संदेश मिलेगा और उन्हें नशे की बुरी आदतों से दूर रहने की प्रेरणा मिलेगी. इस पहल से न केवल नशामुक्ति को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि समाज में एकता और भाईचारा भी मजबूत होगा.
सामाजिक सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
जालोर जिले के अन्य समुदायों ने भी नशामुक्ति एवं सामाजिक सुधार की दिशा में इसी प्रकार के महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. इस संदर्भ में क्षत्रिय घांची समाज द्वारा लिए गए निर्णय भी उल्लेखनीय हैं, रानीवाड़ा के भोमिया राजपूत समाज की यह पहल निश्चित रूप से राजस्थान के अन्य क्षेत्रों के लिए भी प्रेरणा बन सकती है.
ये रहे मौजूद
बैठक की अध्यक्षता सिरोही के उपखंड अधिकारी हरि सिंह देवल ने की, जिसमें तहसील अध्यक्ष हड़मत सिंह सोलंकी, ऊकसिंह परमार और पूर्व सरपंच रिड़मलसिंह डाभी जैसे समाज के कई प्रमुख व्यक्ति शामिल हुए.
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Reporter: Bharat Purohit
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