Jalore: राजस्थान के जालोर जिले में हुए एक दर्दनाक सड़क हादसे में भाई-बहन की जान चली गई. दोनों भाई-बहन 27 नवंबर की रात को जिले में एक शादी समारोह (बिंदौरी रस्म) में शामिल होने के लिए भैंसवाड़ा (आहोर) जाने के लिए स्कूटी पर सवार होकर निकले थे. दोनों स्कूटी पर सवार थे, तभी लेटा गांव के पास अचानक एक कार ने उनकी स्कूटी को टक्कर मार दी. जिससे भाई की मौके पर ही मौत हो गई और बहन ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. दोनों की पहचान तुलाराम और पूजा के रूप में हुई है. हादसे के वक्त पूजा की चार साल की बेटी सरोज भी स्कूटी पर उनके साथ थी, जिसे मामूली चोटें ही आईं.
हादसे में गई दोनों भाई बहन की जान
हादसे की सूचना मिलने पर पुलिस ने भाई के शव को कब्जे में लेकर जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया. साथ ही पूजा की सांसें चल रही थीं, जिसके चलते उसे तुरंत उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां उसकी गंभीर हालत के चलते पूजा को अहमदाबाद (गुजरात) रेफर कर दिया गया. रास्ते में उसकी भी मौत हो गई. मौत की खबर मिलते ही उसके ससुराल जालोर के राजेंद्र नगर स्थित जगन्नाथ महादेव मंदिर वाली गली में कोहराम मच गया.28 नवंबर को पोस्टमार्टम के बाद शाम को शव घर पहुंचा.
चचेरे भाई की शादी में शामिल होने आई थी जालोर
पूजा की शादी 7 साल पहले राजेंद्र नगर निवासी जितेंद्र कुमार से हुई थी. वह जालोर के भैंसवाड़ा (आहोर) में अपने ममेरे भाई की शादी में शामिल होने के लिए अपने मायके आई थी. वहां से वह अपनी बेटी सरोज को लेकर अपने भाई के साथ स्कूटी पर रवाना हुई थी. उसके मामा के बेटे की शादी 28 नवंबर को थी. चूंकि शादी अगले दिन ही तय थी, इसलिए इसे टालना संभव नहीं था. इसलिए मौत की खबर मिलने के बाद मामा के परिवार, समाज के वरिष्ठ लोगों और कुछ रिश्तेदारों ने बैठक कर फैसला लिया कि तुलसाराम के माता-पिता और रिश्तेदारों को दोनों की मौत की जानकारी नहीं दी जाए. ताकि शादी कार्यक्रम की रस्में सादगी से पूरी की जा सकें. साथ ही दुल्हन के परिवार को भी बारात का स्वागत नहीं करने को कहा गया. और जल्द से जल्द दुल्हन को विदा करने को कहा गया.
सुबह शादी की रस्में निभाई और शाम को किया अंतिम संस्कार
इसके बाद तुलसाराम के माता-पिता और रिश्तेदारों को अगले दिन तक दोनों की मौत की जानकारी नहीं दी गई. दूसरे दिन चचेरे भाई भावेश ने सादे तरीके से शादी की रस्में निभाईं और उसके बाद सभी परिवार के लोग मोर्चरी पहुंचे, जहां दोनों भाई-बहन के शव रखे गए. सुबह शादी की रस्में निभाई गईं और शाम को भांजे-भांजी का अंतिम संस्कार करना पड़ा. इससे चाचा अशोक गहलोत का सब्र टूट गया. तुलसाराम 4 चाचाओं का इकलौता भतीजा था. शुक्रवार को होने वाली जूहारी और आशीर्वाद समारोह भी स्थगित कर दिया गया. हादसे में तुलसाराम की मौके पर ही मौत हो गई.
भाई बहन के शव देखकर बिलख पड़ा परिवार
28 नवंबर को सुबह 6 बजे आहोर के भैंसवाड़ा से भावेश की बारात जालोर के रूपनगर के वेलाराम सुंदरशा के यहां विदा की गई.बारात में सिर्फ 15 लोग गए थे. दूल्हे को सीधे शादी में ले जाया गया. वहां से दूल्हे भावेश ने साधारण तरीके से दुल्हन के साथ शादी की कसमें खाईं और डोरिया की रस्म निभाने के बाद दुल्हन को विदा कर घर ले आया. उसी दिन दुल्हन के आंगन बदलने की रस्म भी निभाई गई.
शुक्रवार को दुल्हन को जुहारी (उपहार) देने की रस्म और शादी की रस्म तय थी, जो स्थगित कर दी गई. शादी के बाद दोपहर को जालोर जिला अस्पताल में भतीजे और भतीजी के शवों का पोस्टमार्टम किया गया. शाम को जब तुलसाराम का शव रतनपुरा रोड स्थित शंकर वाटिका (जालोर) स्थित उसके घर पहुंचा तो सभी का धैर्य जवाब दे गया. खूब चीख-पुकार मची. समाज के लोगों ने जल्द ही अंतिम संस्कार कर दिया.
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