
Jhalwar school building Collapsed: झालावाड़ स्कूल हादसे पर शिक्षा विभाग के निदेशक सीताराम जाट ने बयान दिया है. उन्होंने लापरवाही के सवाल पर कह दिया कि बारिश के समय में ऐसे हादसे का डर रहता है. पूरे मामले की जानकारी देते हुए कहा कि मेरे पास सुबह सूचना आई थी कि 7:40 मिनट पर हादसा हुआ. जिला अधिकारी घटना स्थल पर पहुंचे. जब उनसे पूछा गया कि हादसे में किसकी लापरवाही रही तो इस सवाल पर निदेशक ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं, बारिश का टाइम है. बारिश के समय में पुराने भवन में हादसे का डर रहता है, उन्हें सावधान भी करते रहते हैं.
हर साल भवन सुरक्षा की जानकारी लेते हैं- निदेशक
उन्होंने कहा, "ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो. हर साल भवन सुरक्षा जानकारी ली जाती है. उसका प्रणाम पत्र लेते हैं, मरम्मत के बारे में जानकारी लेते हैं. हादसा हुआ है, हम देख रहे हैं कि कहां कमी रह गई." साथ ही कहा कि संस्था प्रधान को निर्देशित भी किया है और करते रहते हैं.
झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव में सरकारी स्कूल की जर्जर बिल्डिंग गिरने से हादसा हुआ. इसमें अब तक 7 बच्चों की मौत की पुष्टि हुई है.
शिक्षा विभाग सचिव कृष्ण कुणाल के मुताबिक, स्कूल में 70 बच्चों का नामांकन था. दुर्घटना के समय स्कूल में 60 बच्चे मौजूद थे. मलबे से सभी बच्चों को निकालने के बाद नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इनमें से 11 को गंभीर हालत में जिला अस्पताल रेफर किया गया है. 2 बच्चों की हालत ज्यादा गंभीर बनी हुई है.
मृतकों की हुई पहचान
हादसे में जिन बच्चों की जान गई है उनमें पायल (14) पुत्री लक्ष्मण, प्रियंका (14) पुत्री मांगीलाल, कार्तिक (8) पुत्र हरकचंद, हरीश (8) पुत्र बाबूलाल, मीना रेदास और एक अन्य की पहचान अभी नहीं हो सकी है.
गंभीर रूप से घायल 11 बच्चों में कुंदन (12), मिनी (13), वीरम (8), मिथुन (11), आरती (9), विशाल (9), अनुराधा (7), राजू (10), शाहीना (8) और अन्य शामिल हैं.
इनपुट- गिरिराज भादाणी
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