Rajasthan News: राजस्थान के झुंझुनूं जिले से एक और जवान ने देश की सेवा करते हुए अपनी जान न्यौछावर कर दी है. जिले के डूमोली कलां निवासी 42 वर्षीय हवलदार ईश्वर गुर्जर का निधन हो गया है. जिनका शुक्रवार सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा. जानकारी के मुताबिक स्पेशल फोर्सेज की छह पैरा कमांडो में हवलदार ईश्वर गुर्जर की एक जनवरी को डोडा इलाके में ड्यूटी के दौरान तबियत खराब हो गई थी. ईश्वर डोडा से पहले बैंगलोर में पदस्थापित थे. करीब एक महीने पहले ही उनका नया पदस्थापन जम्मू कश्मीर के डोडा में हुआ था.
1 महीने पहले ही आए थे जम्मू-कश्मीर
जम्मू कश्मीर में डोडा इलाका बेहद ऊंचाई पर है. साथ ही बर्फबारी और सर्दी के कारण ईश्वर गुर्जर की एक जनवरी को अचानक बीपी बढ़ गया और दिमाग में क्लॉट हो गया. जिसके चलते उन्हें उधमपुर के कमांड अस्पताल में भर्ती करवाया गया. जहां पर दो जनवरी को वे कोमा में चले गए.
बीती रात को ईश्वर गुर्जर ने अंतिम सांस ली. उधमपुर अस्पताल में गुरूवार को कमांड द्वारा उन्हें गार्ड ऑफ आनर दिया गया. ईश्वर गुर्जर के छोटे भाई और स्पेशल फोर्सेज में ही नायब सूबेदार संत कुमार ने बताया कि ईश्वर गुर्जर की पार्थिव देह शुक्रवार सुबह सिंघाना पहुंचेगी.
छोटा भाई भी है फौज में नायब सूबेदार
सिंघाना से सुबह सवा आठ बजे तिरंगा यात्रा के साथ ईश्वर गुर्जर की पार्थिव देह गांव डूमोली कलां लाई जाएगी. पार्थिव देह के अंतिम दर्शन के बाद सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा. गांव में ईश्वर गुर्जर के निधन के समाचार मिलने के बाद गम का माहौल है.
सभी ग्रामीण लाडले के अंतिम दर्शन का इंतजार कर रहे है. ईश्वर गुर्जर के पिता लीलाराम किसान है. वहीं मां बनारसी देवी गृहिणी है. ईश्वर गुर्जर तीन भाइयों में मंझले थे. सबसे बड़े भाई मदन गुर्जर गांव में ही खेती बाड़ी करते है. जबकि छोटे भाई संतकुमार गुर्जर भी नायब सूबेदार के पद पर पोस्टेड है.
3 बच्चों के पिता थे ईश्वर गुर्जर
ईश्वर गुर्जर की पत्नी किरण देवी गृहिणी है और उनके 3 बच्चे हैं. जिनमें 20 साल की प्रिया, 18 साल की ज्योति और 15 साल का बेटा आकाश है. ईश्वर गुर्जर 2002 में 6 पैरा कमांडो में भर्ती हुए थे. जिनकी पहली पोस्टिंग आगरा आई थी. इसके बाद वे सिपाही से लांस नायक और लांस नायक से नायक पद पर पदोन्नत हुए. तीन साल पहले वे नायक से हवलदार पदोन्नत हुए. वहीं 10 दिसंबर को छुट्टी पूरी होने के बाद उन्होंने डोडा जाकर ज्वाइन किया था.
जहां पर 15—20 दिन बाद ही उनकी तबियत खराब हो गई. ईश्वर गुर्जर की दोनों बेटियां नीट की तैयारी कर रही है. हवलदार ईश्वर गुर्जर का सपना था कि उनकी दोनों बेटी डॉक्टर बने और बेटा भी अच्छी पढाई करें. प्रिया और ज्योति, दोनों ही सीकर में रहकर नीट की पढाई कर रही है. वहीं बेटा आकाश भी पचेरी की निजी स्कूल में अध्ययनरत है.
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