विज्ञापन

गरीबों को नहीं छोड़ा तो बड़ों को छूट क्यों', झुंझुनूं में अतिक्रमण हटाने पर अधिकारी-कर्मचारी के बीच ठनी, चौथे दिन काम रुका

झुंझुनूं में अतिक्रमण अभियान को चौथे दिन ब्रेक लग गया है. नगर परिषद के कर्मचारियों ने 'भेदभाव' का आरोप लगाते हुए काम छोड़ दिया.

गरीबों को नहीं छोड़ा तो बड़ों को छूट क्यों', झुंझुनूं में अतिक्रमण हटाने पर अधिकारी-कर्मचारी के बीच ठनी, चौथे दिन काम रुका
झुंझुनूं में 'अतिक्रमण अभियान' को चौथे दिन लगा ब्रेक! कर्मचारियों ने 'भेदभाव' का आरोप लगाकर ठुकराया काम
NDTV Reporter

Rajasthan News: राजस्थान के झुंझुनूं शहर में इन दिनों एक अजीब तरह का आंतरिक संघर्ष चल रहा है. पिछले तीन दिनों से नगर परिषद द्वारा जोर-शोर से चलाए जा रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान को आज, चौथे दिन, अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच हुए सीधे टकराव के कारण अचानक रोकना पड़ा. इस अभियान को रोकने का कारण बाहरी दबाव नहीं, बल्कि अधिकारियों पर लगे गंभीर आरोप हैं कि वे अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में भेदभाव कर रहे हैं. 

कर्मचारियों ने कार्य का बहिष्कार कर दिया और साफ शब्दों में कहा कि जब उन्होंने गरीबों के अतिक्रमणों को नहीं छोड़ा, तो बड़े और प्रभावशाली लोगों को छूट क्यों दी जा रही है?

कबाड़ी मार्केट में फूटा गुस्सा

नगर परिषद ने यह अभियान न्याय मित्र केके गुप्ता के दौरे से पहले  शुरू किया था. गुरुवार को, जब अभियान रोड नंबर दो से होते हुए कबाड़ी मार्केट के पास पहुंचा, तो स्थिति बिगड़ गई. कर्मचारियों ने अधिकारियों पर जानकारों के फोन आने पर कुछ बड़े अतिक्रमणों को छोड़ने या जब्त न करने का दबाव डालने का आरोप लगाया.

'ये पक्षपात हमें मंजूर नहीं'

सफाई कर्मचारी नरेश कुमार ने सीधे तौर पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा, 'पिछले तीन दिनों में हमने किसी भी गरीब या छोटे दुकानदार के अतिक्रमण को नहीं छोड़ा. आज जब बड़े लोगों के अतिक्रमण की बारी आई तो हमें सामान जब्त न करने के लिए कहा जा रहा है. यह पक्षपात हमें मंजूर नहीं है.' कर्मचारियों ने एक सुर में कहा कि वे ऐसी पक्षपातपूर्ण कार्रवाई का हिस्सा नहीं बनेंगे. एकजुटता दिखाते हुए, उन्होंने काम का बहिष्कार कर दिया और मौके से वापस लौट गए.

अधिकारी बोले- 'एकरूपता से होगी कार्रवाई'

कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार के बाद, पूरा अभियान ठप पड़ गया. आनन-फानन में राजस्व अधिकारी अंगेश कुमावत और सफाई निरीक्षक अली हसन ने कर्मचारियों को मनाने की कोशिश की. राजस्व अधिकारी अंगेश कुमावत ने मीडिया को आश्वस्त किया कि वह कर्मचारियों से बात करेंगे और कार्रवाई में एकरूपता बनाए रखी जाएगी. उन्होंने कहा कि पहले भी कोई भेदभाव नहीं हुआ था, और न ही आगे होगा. हालांकि, अधिकारियों की समझाइश का कोई असर नहीं हुआ. कर्मचारियों ने स्पष्ट रूप से अधिकारियों के मौखिक आश्वासन को नकार दिया और मौके पर वापस नहीं लौटे. फिलहाल, अतिक्रमण विरोधी अभियान रुक चुका है.

ये भी पढ़ें:- BLO सुसाइड केस में नया मोड़, परिजनों ने बदला बयान, बोले- हादसे में हुई मौत, SDM जिम्मेदार नहीं

Rajasthan.NDTV.in पर राजस्थान की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close