
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर सभी भक्तों का इंतजार अब खत्म होने वाला है. भगवान श्री राम के मंदिर में आरती और महायज्ञ के लिए 11 रथों के जरिए 600 किलो शुद्ध देशी घी अयोध्या के लिए भेजा गया है. इस घी से मंदिर में अखंड ज्योत प्रज्जवलित की जाएगी. बता दें कि अगले वर्ष 22 जनवरी को पीएम नरेंद्र मोदी अयोध्या में भगवान श्री राम के नवनिर्मित मंदिर में रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे. इस समारोह में दुनिया की कई बड़ी हस्तियों के शामिल होने की संभावना है.
108 स्टील के कलश में है कुल 600 किलो घी
22 जनवरी को उत्तर प्रदेश में अयोध्या में भव्य राम मंदिर के उद्घाटन पर इस बार जोधपुर से जा रहे 600 किलो घी से होगी पहली महाआरती भगवान राम की नगरी यानी की अयोध्या में अगले वर्ष 22 जनवरी में भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन होगा और भगवान श्रीराम अपने भव्य मंदिर में विराजमान होंगे.

प्राण प्रतिष्ठा के दौरान रामलला की होने वाली पहली आरती जो कि पूरे देशभर के लिए ऐतिहासिक रहने वाली है और इस पहली आरती में जो घी है वह जोधपुर की गोशाला का होगा देव दीपावली के अगले दिन मंगलवार को को शुभ मुहूर्त में जोधपुर के बनाड़ स्थित श्री श्री महर्षि संदीपनी राम धर्म गौशाला से 11 रथों में 600 किलो घी भेजा गया है. रथों को रवाना करने से पहले घी से भरे कलशों की आरती की गई गौशाला में भक्तों ने जय श्रीराम के जयकारे लगाए रथों के साथ गौशाला के महर्षि संदीपनी महाराज भी अयोध्या के लिए रवाना हुए.
आरती और हवन में इस्तेमाल होगा देशी घी
गौशाला के संचालक महर्षि संदीपनी महाराज ने बताया, 'भगवान श्रीराम जो कि 22 जनवरी 2024 में राम मंदिर में विराजमान होंगे रामलला की आरती और हवन में हमारी गौशाला में तैयार घी का इस्तेमाल किया जाएगा यह सौभाग्य की बात है कि जोधपुर से रामकाज के लिए घी जा रहा है.' गौशाला से 11 विशेष रथ रवाना किए गए हैं.
इन रथों को गौशाला में ही 6 महीने से तैयार किया जा रहा था. हर रथ पर 3.5 लाख रुपए लागत आई है. इन रथों में 108 स्टील के कलश रखे हैं, जिनमें कुल 600 किलो घी है. यह घी खास तौर से रामलला की पहली आरती और हवन के लिए ही हम 9 साल से तैयार करके इकट्ठा कर रहे थे. इस घी को इसी तरह शुद्ध और सहेजकर रखने के लिए भी विशेष बूटी का इस्तेमाल किया गया.
विधिवत पूजा अर्चना के बाद यात्रा शुभारंभ
देव दीपावली के दिन कलश रथो में रखे गए थे, जहां विधिवत पूजा-अर्चना के बाद मंगलवार को यह यात्रा सुबह भारत माता मंदिर से रवाना हुई. हर एक रथ के साथ 3-3 सेवादारों को तैनात किया गया है जो इसकी देखरेख कर रहे हैं. बनाड़ रोड पर 22 सजे-धजे बैलों ने 11 रथों को खींचा, कुछ किलोमीटर की शोभायात्रा के बाद बैलों और रथों को ट्रकों में शिफ्ट किया जाएगा. इसके बाद यात्रा पाली पहुंचेगी जहां फिर रथों और बैलों को ट्रकों से उतार कर शोभायात्रा चलेगी कई शहरों में इसी तरह शोभायात्रा करते हुए ये रथ लगभग एक महीने में अयोध्या पहुंचेंगे.

महर्षि संदीपनी महाराज बताया कि पहले यह संकल्प था कि एक भव्य रथ में एक कलश होगा कुल 108 रथ रवाना करना चाहते थे लेकिन, समय कम बचा बीच में चुनाव आ गए ऐसे में 11 रथों के अलावा 97 छोट-छोटे प्रतीक रथ तैयार किए इन रथों को भी मुख्य रथों में रखा गया है, इस तरह बैलों से खींचे जाने वाले रथ 11 हैं और बाकी छोटे प्रतीक रथ हैं. मुख्य रथों में घी के कलशों के अलावा शिवलिंग, भगवान गणेश और हनुमान की प्रतिमाएं, राम नाम लिखी पताका, हनुमान पताका हैं.
जोधपुर से अयोध्या तक रास्ते में होगा भव्य स्वागत
जोधपुर से अयोध्या तक इस रथ यात्रा के रूट की बात करें तो पहले जोधपुर से रवाना होकर यात्रा पाली पहुंचेगी. इसके बाद अजमेर-ब्यावर-जयपुर-भरतपुर के बाद उत्तर प्रदेश में प्रवेश करेगी. उत्तर प्रदेश में मथुरा और लखनऊ होते हुए यात्रा अयोध्या पहुंचेगी. अभी तक यही योजना है कि हर शहर में महर्षि संदीपनी राम धर्म गौशाला से जुड़े भक्त और सेवक यात्रा को लेकर प्रशासन से अनुमति लेंगे. शोभायात्रा निकालने का प्रबंध करेंगे उत्तर प्रदेश के लखनऊ शहर में यह यात्रा पांच दिन तक रहेगी. पूरे लखनऊ शहर में इस यात्रा को बैलों के साथ घुमाए जाने का कार्यक्रम है.
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