
Jodhpur Umedsagar News: राजस्थान जिले जोधपुर के उम्मेद सागर बांध के जलग्रहण क्षेत्र (कैचमेंट एरिया) में हुए अतिक्रमण को लेकर प्रशासन एक बार फिर सख्त हो गया है. राजस्थान हाई कोर्ट द्वारा अतिक्रमणकारियों की याचिका खारिज किए जाने के बाद, अब सोमवार को पुलिस, जलदाय विभाग, नगर निगम और जेडीए की टीम मिलकर बचे हुए अतिक्रमणों को हटाने की बड़ी कार्रवाई करेगी.
विधानसभा में उठा था मामला, पथराव के बाद भी जारी रही कार्रवाई
यह मामला तब प्रकाश में आया जब सूरसागर विधायक देवेंद्र जोशी ने विधानसभा में उम्मेद सागर के कैचमेंट एरिया में अतिक्रमण का मुद्दा उठाया था. जलदाय मंत्री कन्हैयालाल ने इस पर तुरंत कार्रवाई का आश्वासन दिया था और जिला प्रशासन को अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए थे.
प्रशासन और मीडिया पर किया था पथराव
इसके बाद पिछले सोमवार, 9 जून को, अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की गई थी. इस दौरान अतिक्रमणकारियों ने प्रशासन और मीडिया पर पथराव कर हमला कर दिया, जिसमें कई वाहन क्षतिग्रस्त हुए और कई पुलिसकर्मी, कर्मचारी और मीडियाकर्मी घायल हो गए थे. एनडीटीवी संवाददाता अरुण हर्ष के साथ भी मारपीट की गई और उनका मोबाइल तोड़ दिया गया था. इसके बावजूद, डीसीपी वेस्ट राजर्षि राज वर्मा ने अतिरिक्त जाब्ता बुलाकर उस दिन करीब 70 अतिक्रमण हटाए थे,
हाईकोर्ट ने याचिका की खारिज
हालांकि, काफी अतिक्रमण अभी भी बाकी थे. इस बीच, 100 से अधिक अतिक्रमणकारियों ने राजस्थान हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अपने घरों को न तोड़ने की गुहार लगाई थी. लेकिन, हाई कोर्ट के वेकेशनल जज सुनील बेनीवाल ने इन याचिकाओं को खारिज कर दिया. उन्होंने स्पष्ट किया कि कैचमेंट एरिया में किसी भी तरह का अतिक्रमण मंजूर नहीं किया जा सकता और पानी के आवक क्षेत्र पर कब्जा करने वालों को कोई राहत नहीं दी जा सकती.
15-20 साल से रह रहे हैं वहां
याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया था कि वे 15-20 साल से वहां रह रहे हैं और उनके पास बिजली कनेक्शन, आधार कार्ड, राशन कार्ड और मतदान पहचान पत्र जैसे दस्तावेज हैं. उन्होंने यह भी कहा कि जोधपुर विद्युत वितरण निगम और जलदाय विभाग द्वारा नोटिस जारी होने के बाद उन्हें बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के उजाड़ा जा रहा है.
कैचमेंट एरिया पर अतिक्रमण को वैध नहीं ठहराया जा सकता
सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेश पंवार ने सरकार की तरफ से पैरवी करते हुए कहा कि याचिकाकर्ताओं के पास जमीन के मालिकाना हक का कोई भी दस्तावेज नहीं है. कोर्ट ने इस पर फैसला सुनाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट और राजस्थान हाई कोर्ट के पूर्व के निर्णयों में यह स्पष्ट है कि कैचमेंट एरिया पर अतिक्रमण को वैध नहीं ठहराया जा सकता। सभी दस्तावेजों के अनुसार, अतिक्रमणकारियों ने कैचमेंट एरिया में ही कब्जा किया हुआ है, जिसे नियमित नहीं किया जा सकता।
148 घरों के बिजली कनेक्शन कटे
हाई कोर्ट का आदेश आने के बाद, पुलिस, जलदाय विभाग और नगर निगम की टीम ने बचे हुए अतिक्रमण हटाने से पहले लोगों को अवैध रूप से बने मकान खाली करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही, 148 घरों के बिजली कनेक्शन भी काट दिए गए हैं.अब सोमवार सुबह एक बार फिर पुलिस प्रशासन, निगम, जेडीए और डिस्कॉम मिलकर उम्मेद सागर बांध से शेष अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को अंजाम देंगे.
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