Folk Entertainment Fair: राजस्थान अपनी संस्कृति के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है. यहां विभिन्न इलाकों में कई तरह के प्रसिद्ध कार्यक्रम आयोजित होते रहते हैं. ऐसा ही एक कार्यक्रम सांस्कृतिक राजधानी जोधपुर में प्रतिवर्ष आयोजित होता है. इस बार भी राष्ट्रीय स्तरीय लोकानुरंजन मेले का शनिवार से आगाज होने रहा है. इस बार फिर देश के 12 राज्यों के 750 से अधिक कलाकार अपने-अपने राज्यों की लोक कला और परंपरा का प्रदर्शन करेंगे. राजस्थान संगीत नाटक अकादमी की ओर से आयोजित होने वाला राष्ट्रीय स्तरीय लोकानुरंजन मेला इस बार भी टाउन हॉल परिसर में आयोजित होगा.
750 कलाकारों की दिखेगी प्रस्तुति
16 से 18 मार्च तक आयोजित होने वाले लोकानुरंजन मेले की जानकारी देते हुए राजस्थान संगीत नाटक अकादमी के सचिव एमडी मीना ने बताया लोक कला के इस महाकुम्भ में देश के 12 राज्यों के लगभग 750 कलाकार अपनी लोकरंजक परंपरागत लोक कलाओं का प्रदर्शन करेंगे. यह आयोजन पश्चिमी क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र उदयपुर, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र प्रयागराज, उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र पटियाला, भारतीय लोक कला मंडल उदयपुर तथा हरियाणा कला परिषद चंडीगढ़ के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है.
दो चरणों में होगा कार्यक्रम
कार्यकम दो चरणों में आयोजित होगा. प्रथम चरण में 16 मार्च को सायं 6 बजे टाउन हॉल के खुले प्रांगण में मेलानुमा परिवेश में प्रदेश की विभिन्न प्रदर्शनात्मक लोक कलाओं का प्रदर्शन होगा. जिसमें कई नामी लोक कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे. वहीं दूसरे चरण में 16 मार्च को बाहरी प्रदेशों की लोक कलाओं के साथ ही राजस्थान के लोक कलाकारों की ओर से पूरे प्रदेश की लोक कलाओ से रूबरू भी करवाया जाएगा.
दिखेगी विभिन्न प्रदेशों की कला
लोकानुरंजन मेले के पहले दिन प्रेक्षागृह में विभिन्न प्रदेशों की नृत्य कला का समागम भी देखने को मिलेगा. जहा पंजाब का भांगडा और गिद्दा, हरियाणी की घूमर, फाग, पणिहारी नृत्य, गुजरात के डांग, गरबा रास, महाराष्ट्र की लावणी और कोला, उत्तराखंड का थाडीया चाहुफुला और बारहमासा जुममेला हिमाचल प्रदेश के नाटी दीपक, लमड़ा नृत्य और मध्य प्रदेश का बधाई व नोरता के प्रदर्शन होंगे.
निशुल्क मिलेगा प्रवेश
राष्ट्रीय स्तरीय लोकानुरंजन मेले के दौरान प्रेक्षागृह में राजस्थान के कलाकारों में लंगा, मांगणियार गायन, मयूर, दीपक नृत्य, चकरी नृत्य, भपंग वादन, कालबेलिया नृत्य, अलगोजा वादन और चरी नृत्य के कार्यकम होंगे. जहां कार्यक्रम में आमजन का प्रवेश निशुल्क होगा.
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