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स्वामी करपात्री महाराज के आदर्शों पर चलने की जरूरत: जस्टिस रंजन गोगोई

राजधानी दिल्ली में मंगलवार को दशनामी परंपरा के संन्यासी करपात्री महाराज की जयंती मनाई गई. दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में आयोजित समारोह को भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई सहित कई वक्ताओं ने संबोधित किया.

स्वामी करपात्री महाराज के आदर्शों पर चलने की जरूरत: जस्टिस रंजन गोगोई
करपात्री महाराज के जयंती समारोह में बोलते जस्टिस रंजन गोगोई

Swami Karpatri Maharaj: कंस्टीट्यूशन क्लब नई दिल्ली में युवा चेतना की ओर से मंगलवार को करपात्री महाराज की जयंती समारोह आयोजित की गई. समारोह के मुख्य अतिथि देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगाई थे. समारोह को संबोधित करते हुए पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि स्वामी करपात्री महाराज से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है. जो आदर्श स्वामी जी छोड़ के गए हैं, ये भारत के संविधान में भावना निहित है. अगर हम स्वामी जी के आदर्शों पर चलते हैं, तो देश की सोच और समझ में काफी सुधार होगा. किसी भी देश के आगे बढ़ने के लिए जरूरी है, देश का हर नागरिक शांति और शुद्धता का मार्ग अपनाए.

अर्जुन मुंडा बोले-  संतुलन बनाकर चलने की जरूरत

वहीं झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने करपात्री महाराज की जयंती समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज के युग में संतुलन बनाकर चलने की जरूरत है. बांग्लादेश में ताज़ा संकट का जिक्र करते हुए कहा कि बांग्लादेश की पहले की परिस्थिति का अध्ययन करेंगे तो अंदाजा लग जाएगा कि हम किस कालखंड से गुजर रहे हैं.
 

अर्जुन मुंडा ने आगे कहा कि स्वामी करपात्री महाराज विधि के विधान में विश्वास रखते थे. विधि का विधान यानी स्वयं को नियंत्रित करते हुए हम चीजों को कैसे देख सकते हैं, उस नजरिये को प्रस्तुत करता है.

भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन बोले- हमारे देश की जड़ें मजबूत

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज़ हुसैन ने कहा कि भारत का संविधान सभी को एक सूत्र में लाने का काम करता हूँ. हमारे देश की जड़ें बहुत मजबूत हैं. दुनिया के किसी भी देश में कुछ भी हो रहा हो मगर भारत तटस्थ रहता है. इसके पीछे का कारण है कि भारत की जड़ मजबूत है.

करपात्री महाराज की जयंती समारोह में उपस्थित लोग.

करपात्री महाराज की जयंती समारोह में उपस्थित लोग.

वहीं गो-मांस के निर्यात से जुड़े सवाल पर भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि भैंस के मांस को भी बीफ कहा जाता है, कोई माई का लाल नहीं है जो गो-मांस का निर्यात करें. 

विजय सोनकर ने कहा कि गोहत्या के विरुद्ध 1966 को संसद भवन के सामने संतों ने उनके नेतृत्व में धरना दिया था. भारी भीड़ देखकर प्रधानमंत्री के इशारे पर फायरिंग व लाठीचार्ज होने से कई संतों की मौत हो गई थी. करपात्री जी समाज सुधारक, स्वतंत्रता सेनानी के रूप में भी देश की सेवा करते रहे. उनकी स्मरण शक्ति गजब की थी. जो पढ़ लिया, वह भूलते नहीं थे. वह अधिकांश समय काशी में रहे. 

कंस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित स्वामी करपात्री महाराज के जयंती समारोह में युवा चेतना के राष्ट्रीय संयोजक रोहित कुमार सिंह, भाजपा विधायक राज सिन्हा, आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक अनिल ठाकुर, डॉ. बिहारी लाल शर्मा समेत अन्य लोग उपस्थित रहे.

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