
Kailadevi Fair 2025: राजस्थान में करौली जिला में स्थित प्रसिद्ध कैलादेवी माता के 17 दिवसीय मेले का समापन हो गया है. श्रद्धा और भक्ति के अद्भुत संगम के रूप में यह मेला इस बार भी लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचने में कामयाब रहा. मेले में लाखों की संख्या में भक्तों के आने से राजस्थान रोडवेज को फायदा पहुंचा है. देवी मां के भक्तों को आस्था के पथ पर यात्रा कराकर रोडवेज प्रबंधन ने यात्री किराये से 6 करोड़ 14 लाख रुपए की कमाई की है. खास बात यह है कि कैलादेवी में मेले में पहली बार रोडवेज ने 6 करोड़ रुपए का आंकड़ा पार किया है।
50 से 55 लाख भक्तों ने किए माता कैलादेवी के दर्शन
अनुमान के मुताबिक, उत्तरी भारत के इस विशाल मेले में 50 से 55 लाख भक्तों ने माता कैलादेवी के दर्शन किए और अपनी मनोकामनाएं मां के चरणों में अर्पित कीं. वहीं दूर दराज इलाकों से मेले में आने वाले लोगों ने राजस्थान रोडवेज से यात्रा कर मुनाफा पहुंचाया है.
राजस्थान रोडवेज को 6.5 करोड़ रुपए का मुनाफा
दरअसल राजस्थान रोडवेज विभाग ने भी केलादेवी मेले के ल्ए श्रद्धालुओं की यात्रा को सुगम बनाने के लिए विशेष इंतजाम किए थे।इस अवसर पर राजस्थान रोडवेज विभाग ने भी रोडवेज के प्रभारी शिवदयाल शर्मा ने बताया कि इस बार विभाग ने श्रद्धालुओं को किराए में 50 प्रतिशत की छूट दी थी। इसके बावजूद, रोडवेज को इस मेले के दौरान साढ़े 6 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय हुई है, जो कि विभाग के लिए एक अच्छी खबर है.
मेला में 339 बसों का हुआ था संचालन
रोडवेज निगम सूत्रों के अनुसर कैलादेवी के लक्खी मेले में प्रदेश की 45 डिपो से मंगवाई 339 बसों का संचालन किया गया. सर्वाधिक 108 बसों का अगरा से संचालन किया गया. वहीं धौलपुर ,बाड़ी, हिण्डौन रेलवे स्टेशन, करौली ,गंगापुरसिटी, हिण्डौनसिटी, मेहंदी पुर बालाजी व झील की देवी कैलादेवी के लिए बसें चलाई गई.
श्रद्धालुओं के लिए मेले में किए थे विशेष इंतजाम
बता दें कि मेले के दौरान श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा, साफ-सफाई और अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं का खास ध्यान रखा था. भक्तों की सुविधा के लिए जगह-जगह पर शिविर लगाए गए थे, पीने के पानी की व्यवस्था की गई थी और चिकित्सा सहायता के लिए टीमें तैनात थीं.