Pratapgarh Wood Smuggling: राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में वन विभाग (Forest Department) की टीमों द्वारा अवैध रूप से लकड़ी की तस्करी कर रहे तस्करों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है. बीते 6 महीने में वन्यजीव रेंज और जंगलात की ओर से कि गई कार्रवाई में कई चौपहिया वाहनों को वन विभाग की टीमों ने वन अधिनियम के तहत जब्त किया है. दरअसल आज के युवा पुष्पा जैसी फिल्मों को देखकर अपनी राह से भटक चुके है और कीमती खैर की लकड़ी की तस्करी कर रहे है. खैर की अमूल्य लकड़ी पान में लगने वाले कत्थे के काम आती है.
पहले भी इस बेशकीमती खैर की लकड़ी के लिए कुछ तस्कर युवाओं ने वन विभाग के एक वन नाके पर भी हमला कर दिया था, जिस खबर को NDTV ने प्रमुखता से दिखाया था. पिछले 6 महीने में जिस तरह वन तस्करों पर कार्रवाई की गई है, उन कार्रवाइयों से वन तस्करों में हड़कंप मचा हुआ है. यह कार्रवाई प्रतापगढ़ ज़िले के धरियावद में वन विभाग की टीमों द्वारा की जा रही है.
गर्मी में वन्यजीव पानी को नहीं तरसेंगे
आने वाले दिनों में गर्मी का सितम चरम पर रहेगा, ऐसे में सीतामाता वन्यजीव अभ्यारण्य में वन्यजीवों के पानी के लिए भी विशेष इंतजाम किए जा रहे है. वन्यजीवों के लिए अभ्यारण्य क्षेत्र में जगह-जगह वाटर हॉल में पानी के टैंकरों से पानी भरे जाएंगे, सेंचुरी में वन विभाग को वन्यजीवों के पानी के लिए अलग से पर्याप्त बजट नहीं मिल पाता है. ऐसे में समाजसेवियों की सहायता से पानी के टैंकरों की व्यवस्था की जाती है. जंगलात में जरूर वन्यजीवों के पानी के लिए अलग से बजट आता है.
हर साल गर्मी में वन क्षेत्र में लग रही आग
सीतामाता वन्यजीव अभ्यारण्य में हर वर्ष गर्मी के मौसम में कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा या बीड़ी पीकर जंगल में फेंक देने से आग लग जाती है. गर्मी के मौसम के वनों के पत्ते सुख जाते है और आग की हल्की चिंगारी बड़ी आग का रूप ले लेती है. ऐसे में वन विभाग के अधिकारियों को आग बुझाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है.
वन विभाग के अधिकारियों ने आमजन से भी अपील की है कि जंगल की सुरक्षा करना भी हर एक नागरिक का पहला कर्तव्य होना चाहिए, जहां पेड़ नहीं, वहां के हालात काफी खराब होते हैं. ऐसे में ईश्वर ने हमें इस क्षेत्र में काफी घना जंगल दिया है, जो कहीं ना कहीं इस क्षेत्र के लिए वरदान है.
ये भी पढ़ें- जयपुर हैरिटेज निगम ने चेतावनी के बाद की बड़ी कार्रवाई, शहर में दर्जनों दुकानदारों का कटा हजारों रुपये का चालान