
Bhartrihari Nagar: अलवर के सरिस्का में स्थित भर्तृहरि धार्मिक स्थल पर स्थानीय लोगों ने खैरथल-तिजारा का नाम भर्तृहरि नगर जिला बनाने को लेकर सरकार के विरोध में प्रदर्शन किया. भर्तृहरि धार्मिक स्थल पर राम मंदिर के समीप स्थानीय लोग इकट्ठा हुए, जिसमें लोगों ने बताया कि सरकार द्वारा खैरथल-तिजारा को भर्तृहरि नगर बनाया गया है, इसका हम विरोध करते हैं और हम चाहते हैं कि खैरथल-तिजारा का नाम मोहन नगर रखा जाए, क्योंकि मोहन बाबा का वहां विशाल मेला लगता है और सरकार की ओर से छुट्टी भी रखी जाती है.
लोगों ने कहा कि अगर गूगल में सर्च किया गया तो जिसमें खैरथल-तिजारा का भर्तृहरि नगर बनाया गया है, वही सच होगा और बाहर से आने वाले दर्शनार्थी वहां पर पहुंच जाएंगे, जिससे परेशानी होगी.
उन्होंने कहा, ''हम चाहते हैं कि खैरथल-तिजारा का नाम भर्तृहरि नगर नहीं होना चाहिए, जिसको लेकर हम आगे आंदोलन की तैयारी करेंगे. अगर नाम रखना है तो मोहन नगर या अलवर जिले से ही नाम जोड़ा जाए. भर्तृहरि का साल में दो बार मेला भरता है, यहां भर्तृहरि बाबा की अखंड ज्योत जलती है और बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं.''
कौन थे बाबा भर्तृहरि ?
उज्जैन के महान राजा भर्तृहरि का नाम इतिहास और लोककथाओं में अमर है. वे विक्रमादित्य के बड़े भाई थे और उनके पिता महाराज गंधर्वसेन थे. भर्तृहरि अपनी विद्वता, शौर्य और आध्यात्मिकता के लिए जाने जाते हैं. कहा जाता है कि उन्होंने अपने छोटे भाई विक्रमादित्य को राजपाट सौंपकर संन्यास का रास्ता चुना. उनकी कहानियां आज भी लोगों के बीच प्रेरणा और रहस्य का विषय बनी हुई हैं.
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