
Rajasthan News: राजस्थान के सीकर जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध खाटूश्यामजी मंदिर शुक्रवार को अचानक हाई-अलर्ट पर आ गया. सुबह-सुबह हाई टैक हथियारों से लैस होकर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (ERT) के कमांडो मंदिर परिसर में दाखिल हुए. अचानक हुई इस हलचल ने स्थानीय निवासियों को सकते में डाल दिया. कुछ देर के लिए यह अफवाह भी फैल गई कि मंदिर में आतंकी घुस गए हैं और उन्होंने मंदिर समिति के कर्मचारियों को बंधक बना लिया है. हालांकि, असलियत में ऐसा कुछ नहीं था. यह ERT की एक मॉक ड्रिल थी, जिसका उद्देश्य किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लेना था.
ऐसे शुरू हुई मॉक ड्रिल
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ERT को एक काल्पनिक सूचना दी गई कि बाबा श्याम के मंदिर में आतंकी छिपे हैं और उन्होंने मंदिर समिति के कार्यालय में कुछ लोगों को बंधक बना रखा है. सूचना मिलते ही एटीएस की टीम तुरंत हरकत में आई और सुनियोजित तरीके से मंदिर परिसर में दाखिल हुई. इस दौरान, एटीएस कमांडो ने मंदिर समिति के कार्यालय परिसर में घुसकर दो डमी आतंकियों को ढेर कर दिया. इन डमी आतंकियों के पास से दो राइफलें और कुछ कागजात भी बरामद किए गए.
एक बार फिर चाक-चौबंद दिखी व्यवस्था
इस मॉक ड्रिल में पुलिस प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और मंदिर कमेटी के सदस्यों ने सक्रिय रूप से भाग लिया. जैसे ही सुरक्षाकर्मी अलर्ट मोड पर आए, पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया. हर कोई यह जानने को उत्सुक था कि आखिर हुआ क्या है. हालांकि, जब ERT के अधिकारियों ने बताया कि यह केवल एक अभ्यास था, तो सभी ने राहत की सांस ली.
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मामले से जुड़े कुछ जरूरी सवाल और उनके जवाब:-
Q1: खाटू श्यामजी मंदिर में क्या घटना हुई?
A: खाटू श्यामजी मंदिर में सुरक्षा व्यवस्थाओं की जांच के लिए ERT ने एक मॉक ड्रिल का आयोजन किया था.
Q2: मॉक ड्रिल में क्या हुआ?
A: मॉक ड्रिल के दौरान, ERT कमांडो ने मंदिर परिसर में 'छिपे' दो डमी आतंकियों को ढेर कर दिया, जिससे अफरा-तफरी का माहौल बन गया.
Q3: इस मॉक ड्रिल का मकसद क्या था?
A: मॉक ड्रिल का मकसद किसी भी आपात स्थिति या आतंकी हमले से निपटने के लिए पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और मंदिर प्रशासन के तालमेल और तैयारी को परखना था.
Q4: क्या यह पहली बार हुआ है?
A: नहीं, सुरक्षा एजेंसियां समय-समय पर खाटू श्यामजी मंदिर जैसे महत्वपूर्ण स्थलों पर इस तरह के अभ्यास करती रहती हैं.
Q5: क्या श्रद्धालुओं को कोई नुकसान पहुंचा?
A: नहीं, यह केवल एक अभ्यास था. किसी भी श्रद्धालु या आम नागरिक को कोई नुकसान नहीं पहुंचा.
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'श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए अभ्यास महत्वपूर्ण'
अधिकारी ने कहा कि इस तरह की मॉक ड्रिल एहतियात के तौर पर की जाती हैं ताकि किसी भी वास्तविक आतंकी हमले या आपात स्थिति में तुरंत और प्रभावी ढंग से कार्रवाई की जा सके. लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह अभ्यास बहुत महत्वपूर्ण था.
पहले भी हुई थी ऐसी मॉक ड्रिल
आपको बता दें कि यह कोई पहली बार नहीं है जब खाटू श्यामजी मंदिर में ऐसी मॉक ड्रिल की गई हो. सुरक्षा एजेंसियां समय-समय पर ऐसे अभ्यास करती रहती हैं ताकि सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता बनाया जा सके. इससे पहले सितंबर 03, 2024 को भी खाटूश्यामजी मंदिर में ATS ने मॉक ड्रिल की थी. उस वक्त भी दो डमी आतंकी छिपे होने की जानकारी ATS को दी गई थी.
क्या है मॉक ड्रिल का महत्व?मॉक ड्रिल एक तरह का पूर्वाभ्यास है, जो सुरक्षा एजेंसियों को किसी भी वास्तविक खतरे का सामना करने के लिए तैयार करता है. इससे न केवल प्रतिक्रिया समय (response time) में सुधार होता है, बल्कि विभिन्न एजेंसियों के बीच तालमेल भी बेहतर होता है. खाटू श्यामजी जैसे बड़े तीर्थस्थल पर, जहां हर दिन हजारों लोग आते हैं, ऐसी मॉक ड्रिल की प्रासंगिकता और भी बढ़ जाती है.
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