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Rajasthan Politics: 'दोषियों से मेरा या मेरे समुदाय का कोई संबंध नहीं', खेत सिंह हत्याकांड पर बोले पूर्व मंत्री शाले मोहम्मद

खेत सिंह हत्याकांड पर पूर्व मंत्री शाले मोहम्मद ने कहा है कि दोषियों से उनका व उनके समुदाय का कोई संबंध नहीं है. गुनाह करने वालों को कठोर सजा मिलनी चाहिए और निर्दोष लोगों को परेशान नहीं किया जाना चाहिए.

Rajasthan Politics: 'दोषियों से मेरा या मेरे समुदाय का कोई संबंध नहीं', खेत सिंह हत्याकांड पर बोले पूर्व मंत्री शाले मोहम्मद
'दोषी को मिले कठोर सजा, निर्दोषों को परेशान न किया जाए', खेत सिंह हत्याकांड पर बोले पूर्व मंत्री शाले मोहम्मद

Rajasthan News: राजस्थान के जैसलमेर जिले के डांगरी गांव में खेत सिंह की हत्या के मामले में अब राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. बाड़मेर-जैसलमेर के सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल के बाद, अब पूर्व कैबिनेट मंत्री और मुस्लिम सिंधी समुदाय के धर्मगुरु शाले मोहम्मद ने भी इस मामले पर अपनी बात रखी है. उन्होंने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की है और यह भी कहा है कि इस मामले में किसी भी निर्दोष व्यक्ति को परेशान नहीं किया जाना चाहिए.

'दोषियों के मेरे समुदाय का कोई संबंध नहीं है'

शाले मोहम्मद ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ किया कि इस घटना में जो भी दोषी हैं, उनके साथ उनका या उनके समुदाय का कोई संबंध नहीं है. उन्होंने कहा, 'जिसने भी गलत किया है, उसे कठोर सजा मिलनी चाहिए.' उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग इस मामले में गलत बातें फैलाकर लोगों को भड़का रहे हैं, जिससे निर्दोष लोग परेशान हो रहे हैं. शाले मोहम्मद ने कहा कि धार्मिक स्थानों और निर्दोष लोगों की दुकानों और गाड़ियों को निशाना बनाया जा रहा है, जो बिल्कुल गलत है.

'सत्ता में बैठे लोग कानून की धज्जियां उड़ा रहे'

उन्होंने बिना नाम लिए भाजपा नेताओं पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सत्ता में बैठे लोगों को कानून पर भरोसा रखना चाहिए, लेकिन वे खुद ही कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ बाहरी लोग जैसलमेर की छवि खराब कर रहे हैं और राजनीति की रोटियां सेंकने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि निर्दोष लोगों की दुकानें गिराई जा रही हैं और यहां तक कि उनकी खातेदारी जमीनों की पट्टियां भी तोड़ी जा रही हैं.

पत्थरबाजी हुई तब पुलिस ने क्या कार्रवाई की?

शाले मोहम्मद ने पुलिस और प्रशासन पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि जब भीड़ ने पुलिस पर पत्थरबाजी की, तो प्रशासन ने क्या कार्रवाई की? उन्होंने इस मामले में पुलिस और प्रशासन से गंभीरता से काम करने की अपील की. उन्होंने बासनपीर मामले का भी जिक्र किया और कहा कि उस समय भी बाड़मेर के कुछ नेता माहौल खराब करने के लिए सबसे अधिक संख्या में वहां पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि जिले में शांति बनाए रखना सबसे जरूरी है और इसके लिए शब्दों का चयन सही करना बहुत आवश्यक है.

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