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किशनगढ़ विधायक विकास चौधरी 13 साल बाद बड़े आरोप में हुए बरी, जानें क्या है पूरा मामला

24 जनवरी 2012 को सदर कोतवाली थाने में विकास चौधरी गैंगस्टर वरुण चौधरी सहित अन्य के खिलाफ सदर कोतवाली थाने में आर्म्स एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में दर्ज हुए मुकदमे में बरी हो गए हैं.

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किशनगढ़ विधायक विकास चौधरी 13 साल बाद बड़े आरोप में हुए बरी, जानें क्या है पूरा मामला
किशनगढ़ विधायक विकास चौधरी

Rajasthan News: राजस्थान के अजमेर में कांग्रेसी पार्षद को अजमेर नगर निगम में घुसकर रिवाल्वर से जान से मारने की नियत से हमला करने के मामले में विभिन्न धाराओं में दर्ज हुए मुकदमे में  किशनगढ़ से कांग्रेसी विधायक विकास चौधरी, गैंगस्टर वरुण चौधरी और अन्य उनके साथियों को माननीय अपर मुख्य न्यायालय कोर्ट नंबर दो के न्यायाधीश प्रीतम सिंह ने बरी कर दिया. यह मामला 24 जनवरी 2012 की तारीख का है. उस वक्त विधायक विकास चौधरी महर्षि दयानंद सरस्वती यूनिवर्सिटी के छात्र संघ अध्यक्ष थे. हालांकि यह मामला खुलेआम सामने आया था. लेकिन इसके बावजूद सभी आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया गया. बताया जा रहा है कि पुलिस ने इस मामले में पुख्ता सबूत पेश नहीं कर पायी.

विवादित इमारत को नगर निगम से तुड़वाने के मामले में हुआ था विवाद

प्राप्त जानकारी के अनुसार कांग्रेसी पार्षद नोरत जैन अजमेर के सिविल लाइन इलाके में पूर्व विधायक डॉ राजकुमार जयपाल के मकान के पास एक विवादित जमीन की नगर निगम में शिकायत करके उसे तुड़वा दी थी. इस कार्रवाई से नाराज होकर वरुण चौधरी, विकास चौधरी द्वारा 24 जनवरी 2012 को अजमेर नगर निगम में घुसकर पार्षद नोरत गुर्जर, सर्वेश्वर पारीक को हथियार लेकर जान से मारने की नीयत से घुसे और पार्षद नोरत गुर्जर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की थी. जैसे ही इस घटना की जानकारी नोरत गुर्जर को मिली . वह तत्कालीन नगर निगम आयुक्त के चेंबर में घुस गया और अपनी जान बचाई. 

विकास चौधरी, वरुण चौधरी और अन्य लोगों पर दर्ज हुआ था मुकदमा

नगर निगम में हंगामा की सूचना पर पहुंची अजमेर की सदर कोतवाली थाना पुलिस ने नारेबाजी कर रहे विकास चौधरी वरुण चौधरी और उनके साथियों की फोटो और वीडियोग्राफी कर मामले की जानकारी अपने उच्च अधिकारियों को दी. जिस पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए विकास चौधरी वरुण चौधरी और उनके साथियों को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया था. 

सबूत के अभाव में आरोपी हुए बरी

24 जनवरी 2012 को सदर कोतवाली थाने में विकास चौधरी गैंगस्टर वरुण चौधरी सहित अन्य के खिलाफ सदर कोतवाली थाने में आर्म्स एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में दर्ज हुए मुकदमे में करीब 13 साल बाद अपर मुख्य न्यायालय कोर्ट नंबर दो के माननीय न्यायाधीश प्रीतम सिंह ने आज अहम फैसला सुनाते हुए. सभी आरोपियों को सबूत के अभाव में दोष मुक्त कर दिया . आरोपी पक्ष की और से अधिवक्ता अजय प्रताप वर्मा ने पैरवी की. अधिवक्ता अजय प्रताप वर्मा ने बताया कि विधायक विकास चौधरी और  गेंगस्टर वरुण चौधरी के खिलाफ दर्ज FIR के बाद बयानों में आरोपियों के हाथो मे रिवोल्वर होना बताया मगर पुलिस द्वारा वारदात वाले दिन मौके पर ली गई फोटो और वीडियो मे रिवॉल्वर होने की पुष्टि नही हुई. जिसका लाभ सभी को मिला.

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