राजस्थान में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही सियासत तेज़ हो गई हैं. 'कहते हैं राजनीति में जो दिखता है वह होता नहीं" और जो होता है वह दिखता नहीं. कुछ ऐसा ही नजारा राजस्थान की सियासत के अंदरखाने में चल रहा हैं और यह चाल विपक्षी ही नहीं, बल्कि नेता अपनी ही पार्टी के नेताओं के खिलाफ चल रहे हैं.
क्या है मामला
गौरतलब है आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस अपनी पहली सूची जारी करने की कश्मकश में जुटी है. ऐसे में 2 दिन पहले जयपुर में चल रही प्रदेश इलेक्शन कमेटी की बैठक के दौरान प्रदेश के अलग-अलग इलाकों से लोग मौजूदा विधायकों के खिलाफ नारेबाजी और प्रदर्शन करते हुए कांग्रेस वाॅर रूम के बाहर पहुंच गए.
किशनपोल विधायक का टिकट काटने की मांग
इस दौरान जयपुर के एक मंत्री के इशारे पर भी 15- 20 लोगों की भीड़ वॉर रूम के बाहर विरोध प्रदर्शन करने लगे, इनके हाथों में तख्तियां थीं. जिन पर किशनपोल विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक की टिकट बदलने की बात लिखी हुई थी. हालांकि प्रदर्शनकारीयो की संख्या बेहद कम थी, लेकिन राजनीतिक गलियारों में यह बात अब चर्चा का विषय बन चुकी है.
वीडियो में पहचाने गए दूसरी विधानसभा से आए लोग
बस इसी बात से राजधानी की सियासत गरमा गई और सोशल मीडिया पर माहौल बन गया. जैसे ही बाहरी लोगों ने विधायक के खिलाफ नारेबाजी की तो ऐसे में स्थानीय कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध जताया और कहा ऐसा करने वाले पार्टी के वफादार नहीं हो सकते. अब आमजन और कार्यकर्ताओं ने विधायक के समर्थन में मोर्चा खोल दिया है.
अब शहर भर में चर्चा है कि आखिर एक मंत्री को ऐसा क्यों करना पड़ रहा है. ऐसा कहा जा रहा है कि मंत्री को अपनी खुद की विधानसभा सीट से जीत की उम्मीद कम है, ऐसे में यदि सीट बदलना पड़े तो उससे पहले माहौल बनाना जरूरी है.
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