
Rajasthan News: राजस्थान के शिक्षा और पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर 4 दिन से कोटा प्रवास पर है. अपने प्रवास के चौथे दिन दिलावर ने कोटा जिले की 3 ग्राम पंचायत का औचक निरीक्षण किया. ग्रामीण स्वच्छता को लेकर अति संवेदनशील और गंभीर पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने तीनों ही ग्राम पंचायत में गंदगी के ढेर देखकर गहरी नाराजगी जताई. दिलावर ने कहा कि तीनों ही ग्राम पंचायत के सरपंचों, ग्राम विकास अधिकारियों की जांच कराई जाएगी.
सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी से वसूले पैसे
यदि सफाई का ठेका हो गया है तो ठेका जिस फार्म को हुआ है और उसने अभी तक काम शुरू नहीं किया है तो उसे ब्लैक लिस्ट किया जाएगा और यदि सफाई का ठेका नहीं हुआ है तो सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी से स्टेट फाइनेंस कमीशन तथा फिफ्थ फाइनेंस कमीशन के पैसे की वसूली की जाएगी. साथ ही स्वीकृति जारी करने वाले सहायक अभियंता से भी पैसे वसूल किए जाएंगे.
हर महीने सफाई का 1 लाख कहां जा रहा है
दिलावर ने स्थानीय निवासियों से पंचायत द्वारा नियमित सफाई करवाए जाने के बारे में पूछा, तो लोगो ने बताया कि हर रोज सफाई नहीं होती. झाड़ू लगाने के लिए पंचायत की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं है. मुंडला ग्राम पंचायत की सरपंच पूजा नागर और ग्राम विकास अधिकारी लवीश शर्मा है. मंत्री ने ग्रामीणों को बताया कि एक लाख रूपये प्रति माह केवल सफाई के लिए सरकार प्रत्येक पंचायत को दे रही ही फिर भी सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी सफाई नहीं करवा रहे. पैसा जा कहां रहा है.
अधिकारियों को रिपोर्ट देने के दिए निर्देश
मंत्री ने साथ चल रहे जिला परिषद कोटा के सहायक अभियंता मयंक शर्मा को एक-एक चीज नोट कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा. इसके बाद मंत्री दिलावर ग्राम पंचायत दीगोद पहुंचे. मुख्य चौराहे पर व्यापारियों ने बताया कि सभी दुकानदार खुद पैसे देकर सफाई करवाते है. पंचायत की तरफ से हर रोज सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है. गांव मे कचरा उठाने भी कोई नहीं आता.
सरपंच ने बेच दी पंचायत की संपत्ति
पंचायत की संपत्ति सरपंच ने बेच दी निमोदा हरिजी ग्राम पंचायत के निवासियों ने मंत्री मदन दिलावर को बताया कि सरपंच नन्द लाल मीणा ने पंचायत की संपत्ति पट्टियां बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के निजी तौर पर बेच दी. आपत्ति करने पर सरपंच ने धमकाया कि जिसको भी शिकायत करनी है कर दो,कुछ नहीं होगा.
मंत्री मदन दिलावर ने मौके पर मौजूद पंचायत के नरेगा सहायक ओम प्रकाश को निर्देश दिए कि तुम इसकी रिपोर्ट बनकर भेजो. मैं कार्यवाही करूंगा. इसके बाद पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर का काफिल वापस कोटा लौट गया.
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