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Rajasthan: '12वीं करके प्लेसमेंट लेने में 5-6 साल लगेंगे', पैसे कमाने कोटा से भागा कोचिंग छात्र, 5 महीने बाद केरल में मिला

Kota Missing Student Found in Kerala: कोटा पुलिस की मानव तस्करी विरोधी यूनिट की बड़ी सफलता हाथ लगी है. पांच महीने से लापता कोचिंग छात्र को केरल से ढूंढ निकाला है, और काउंसलिंग के बाद उसके परिजनों को सुपुर्द कर दिया है.

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Rajasthan: '12वीं करके प्लेसमेंट लेने में 5-6 साल लगेंगे', पैसे कमाने कोटा से भागा कोचिंग छात्र, 5 महीने बाद केरल में मिला
प्रतीकात्मक तस्वीर.

Rajasthan News: कोटा पुलिस द्वारा 100 दिवसीय कार्य योजना के तहत जिले में नाबालिग बच्चों की तलाश के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन खुशी-VII के तहत मानव तस्करी विरोधी यूनिट द्वारा बड़ी सफलता हासिल कर अक्टूबर 2023 से गुमशुदा नाबालिक कोचिंग छात्र को वर्कला शिवगिरी जिला त्रिवेंद्रम, केरल से दस्तयाब किया है.

एसपी अमृता दुहन ने बताया कि 9 नवंबर 2023 को बिहार के सुपौल जिला निवासी परिवादी ने थाना विज्ञान नगर पर रिपोर्ट दी कि उसका 17 वर्षीय बेटा इंदिरा कॉलोनी में स्थिति एक हॉस्टल में रहकर आईआईटी की कोचिंग कर रहा था. 5 अक्टूबर को बिना किसी को बताए वो रूम से निकल कहीं चला गया, और वापस नहीं लौटा. इस पर रिपोर्ट दर्ज कर बच्चे की तलाश शुरू की गई. लेकिन पांच महीने बीत जाने के बाद भी सफलता हाथ नहीं लगी. फिर लापता बच्चे की तलाश के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दिलीप सैनी के नेतृत्व में मानव तस्करी विरोधी यूनिट से एक टीम गठित कर ₹10 हजार के इनाम की घोषणा की गई.

नंबर बदला, किसी से नहीं की बात

गठित टीम द्वारा बच्चे के दोस्तों व परिचितों से जानकारी हासिल कर बैंक खाते और सोशल मीडिया अकाउंट की डिटेल प्राप्त की. बच्चे ने इस दौरान अपने किसी भी मित्र या जानकार से संपर्क नहीं किया. सोशल मीडिया व जीमेल अकाउंट के साथ मोबाइल नंबर भी बदल लिए थे. इसके उपरान्त भी टीम ने कठिन मेहनत कर सूचना संकलन व तकनीकी अनुसंधान के आधार पर बच्चे के केरल में होने का इनपुट मिला. 8 मार्च को केरल रवाना की गई एएचटीयू टीम बच्चे को त्रिवेंद्रम जिले में वर्कला शिवगिरी से दस्तयाब कर कोटा लाई. बच्चे को टीम ने बाल कल्याण समिति कोटा के सदस्य के आवास पर पेश किया, जिनके द्वारा शुक्रवार को बच्चे को उसके पिता के सुपुर्द कर दिया गया. बेटे को वापस पाकर उसके परिजनों के चेहरे की खोई मुस्कान वापस लौट आई. बच्चे के पिता ने बेटे को वापस पाकर खुशी जाहिर करते हुए बताया कि गुम होने के बाद उनके घर में दिवाली भी नहीं मनाई गई थी.

पैसे कमाने के लिए पहुंचा था केरल

एसपी दुहन ने बताया कि काउंसलिंग के दौरान सामने आया कि कोटा से पलायन करने से पहले बच्चे ने विचार किया कि इंजीनियरिंग की कोचिंग के बाद 12वीं पास कर इंजीनियरिंग करने व केंपस प्लेसमेंट में 5-6 साल लग जाएंगे. इसकी बजाय वह ऑनलाइन ट्रेडिंग कर कुछ बड़ा काम कर सकता है. समुद्र के आसपास का एरिया पसंद होने से वह वर्कला शिवगिरी ब्लैक बीच जिला त्रिवेंद्रम केरल पहुंच गया. एसपी ने बताया कि बच्चे को दस्तयाब कर परिजनों की खोई मुस्कान लौटाने का सराहनी काम प्रभारी बबीता चौधरी के साथ हेड कांस्टेबल ओम दत्त शर्मा व श्योजी राम तथा महिला कांस्टेबल आरती राजावत द्वारा किया गया.

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