Rajasthan News: इंटरनेशनल डेजर्ट फेस्टिवल (International Desert Festival 2024) के अंतिम दिन की शुरुआत में पालीवाल समाज के 84 गांवों में सुमार प्राचीन ऐतिहासिक गांव कुलधरा व खाभा में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हुआ. देशी-विदेशी सैलानियों ने आयोजित कार्यक्रमों में जमकर आनंद लिया. इस दौरान लोक संगीत की धुनों ने हर किसी को मंत्र मुग्ध कर दिया.
नाचते हुए मयूरों का दृश्य
प्राचीन खाभा फोर्ट पर जिला प्रशासन एवं पर्यटन विभाग के तत्वावधान में मयूर के दृश्यों के दृश्यावलोकन व संगीत कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया. यहां पर पहुंचे देशी-विदेशी पर्यटकों ने प्रातः काल नाचते हुए मयूरों को देखा एवं उनके नृत्यों को अपने कैमरों में कैद किया. वहीं यहां लोक कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किए जा रहे कार्यक्रमों को भी तन्मयता के साथ सुना.
उगते सूर्य के दृश्य को निहारा
यहां पर सैलानियों ने पहाड़ों के बीच उगते हुए सूर्य के दृश्य को निहारा एवं प्राचीन कला संस्कृति को भी बारीकी से देखा. वहीं वहां स्थापित जियोलोजिकल संग्रहालय का भी अवलोकन किया. वहीं कुलधरा गांव में जैसलमेर विकास समिति के सचिव चन्द्रप्रकाश व्यास के निर्देशन में प्राचीन घरों पर बहुत ही सुन्दर रंगोली की गई साथ ही मरू महोत्सव-2024 का लोगो प्रदर्शित किया गया.
मांडणा भी मकानों पर आकर्षण
इसके साथ ही वहां पर मांडणा भी मकानों पर बेहतरीन एवं आकर्षक बनाएं गए. मरू महोत्सव के दौरान आए देशी-विदेशी सैलानियों ने वहां पहुंचकर भवनों पर सुन्दर एवं सुसज्जित बनाई गई मांडनो को बारीकी से देखा एवं उनको अपने कैमरों में कैद किया. लोक कलाकार तगाराम भील, अनवर खान आदि ने लोक संस्कृति के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी. इस दौरान आलगोजा, मोरचंग, खड़ताल, रावण हत्था, कमायचा, मटका आदि का वादन भी किया गया उपस्थित थे.
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