Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पार्टी अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर रही है. देश भर में कई पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवार की सूची जारी करना शुरू कर दिया है. वहीं, राजस्थान में सबसे पहले बीजेपी ने 15 सीटों पर अपने उम्मीदवार का ऐलान किया है. जबकि अभी 10 सीटों पर ऐलान अभी भी बाकी है. बता दें राजस्थान में कुल 25 लोकसभा सीट हैं. दूसरी ओर बीजेपी ने जो 15 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान किया है उनमे से कई सीटों पर प्रत्याशियों का विरोध किया जा रहा है. जबकि कुछ टिकट कटने वाले सांसद नाराज हैं. यह सब देख कांग्रेस ने तो अब तक टिकट का ऐलान भी नहीं किया है. शायद कांग्रेस भी इस तरह के विरोध से घबड़ा रही होगी. या फिर बीजेपी के दिग्गज बागियों का इंतजार भी किया जा रहा होगा. जो कांग्रेस के लिए राजस्थान में बड़ा सहारा बन सकते हैं.
बीजेपी ने मिशन 25 का संकल्प लिया है लेकिन यह मिशन 15 सीटों पर उम्मीदवार के ऐलान के बाद ही कुछ सीटें गोते खाते दिख रही है. क्योंकि बीजेपी के मौजूदा 5 सांसदों का टिकट काटा है. हालांकि, ऐसा नहीं है कि उन पर कोई मामला है या फिर वह चुनाव लड़ना नहीं चाहते हैं. लेकिन बीजेपी की नए चेहरों की कवायद पार्टी पर अब भारी पड़ती दिख रही है. चलिए आपको बताते हैं कि बीजेपी के किन प्रत्याशियों का विरोध हो रहा है. और यह विरोध क्यों हो रहा है.
जोधपुर लोकसभा सीट
जोधपुर लोकसभा सीट से एक बार फिर गजेंद्र सिंह शेखावत को टिकट दिया गया है. हालांकि, टिकट के ऐलान से पहले ही गजेंद्र सिंह शेखावत का विरोध शुरू हो गया था. यहां बीजेपी के बड़े कार्यकर्ता और विधायक तक शेखावत का विरोध शुरू कर दिया है. शेरगढ़ के विधायक बाबू सिंह राठौड़ ने गजेंद्र सिंह शेखावत की कार्यशैली पर सवाल खड़ा किया है. साथ ही उनके द्वारा किये गए कार्यों और घोषणाओं पर सवाल खड़ा किया है. कार्यकर्ताओं ने तो यहां तक कह दिया है कि गजेंद्र सिंह शेखावत की जमानत जब्त कर दी जाएगी. उन्होंने नारा दिया है कि 'मोदी तुझसे बैर नहीं, लेकिन शेखावत तेरी खैर नहीं' यह विरोध राज्य के जलदाय मंत्री कन्हैया लाल के सामने खुलकर आया. अब देखना है इस विरोध पर शेखावत कैसे निपटते हैं.
वहीं, जोधपुर से दो बार सांसद रह चुके जसवंत सिंह विश्नोई ने भी शेखावत को टिकट मिलने के बाद सोशल मीडिया पर दर्द बयां कर कहा, कौन सुनेगा , किसको सुनाए, इसलिये चुप रहते हैं. हमसे अपने रूठ न जाए, इसलिये चुप रहते हैं॥
चूरू लोकसभा सीट
चूरू लोकसभा सीट से वर्तमान सांसद राहुल कस्वां का टिकट काट दिया गया है. इस बात से वह शॉक्ड हैं. उनके स्थान पर पैरालंपिक खिलाड़ी देवेंद्र झाझरिया को टिकट दिया गया है. ऐसे में राहुल कस्वां ने भी शीर्ष नेतृत्व के फैसले पर सवाल खड़े किये और पूछा कि आखिर मेरा गुनाह क्या था? क्या मैं ईमानदार नहीं था ? क्या मैं मेहनती नहीं था ? क्या मैं निष्ठावान नहीं था ? क्या मैं दागदार था ? क्या मैंने चूरू लोकसभा में काम करवाने में कोई कमी छोड़ दी थी ?
हालांकि आपको बता दें, राहुल कस्वां की राजेंद्र सिंह राठौड़ से अदावत उन्हें भारी पड़ रही है. विधानसभा चुनाव के बाद राजेंद्र सिंह राठौड़ ने राहुल कस्वां पर निशाना साधा था. अब ऐसे में माना जा रहा है कि राहुल कस्वां का टिकट कटने का कारण यह हो सकता है. जबकि कस्वां परिवार का चूरू लोकसभा सीट पर बड़ा प्रभाव रहा है. राहुल कस्वां खुद साल 2014 और 2019 में इस सीट से चुनाव जीत चुके हैं. उनके पिता राम सिंह कस्वां 1999 से 2009 तक लगातार तीन बार इस सीट से चुनाव जीत चुके हैं.
नागौर लोकसभा सीट
नागौर सीट पर पिछली बार आरएलपी अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल ने चुनाव जीता था. वहीं उन्होंने बीजेपी को अपना समर्थन दिया था. लेकिन इस बार बीजेपी ने बेनीवाल से किसी तरह की सांठ-गांठ नहीं की और ज्योति मिर्धा को टिकट थमा दिया. जबकि वह इस सीट से चुनाव हार चुकी हैं. इसके बाद भी उन पर भरोसा जताया गया. इस बात को लेकर भी बीजेपी में खलबली है. वहीं दूसरी और बेनीवाल भी अब अपना फैसला ले सकते हैं. वहीं चर्चा यह भी है कि वह कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं.
जैसलमेर लोकसभा सीट
जैसलमेर लोकसभा सीट पर बीजेपी ने कैलाश चौधरी को उम्मीदवार बनाया है. हालांकि, इस सीट पर शिव से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी चुनाव लड़ने का मन बना रहे हैं. क्योंकि उन्होंने बीजेपी के साथ आने की कई बार कोशिश की. लेकिन बीजेपी आलाकमान से उन्हें दरकिनार कर दिया गया. ऐसे में उन्होंने निर्दलीय इस सीट पर चुनाव लड़ने का संकेत दिया है.
वहीं, राजस्थान में जिन लोकसभा सीटों पर सांसदों का टिकट काटा गया है. वहां पर उनके निर्दलीय चुनाव लड़ने या कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की बात कही जा रही है ऐसे में अगर कोई निर्दलीय चुनाव में उतरता है तो त्रिकोणीय जंग से भी इनकार नहीं किया जा सकता है.
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