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Rajasthan Politics: वसुंधरा राजे के बेटे को 15 साल बाद फिर चुनौती देंगी उर्मिला जैन भाया, जानें कैसे हैं सियासी समीकरण?

Lok Sabha Elections 2024: झालावाड़ सीट को बीजेपी का किला माना जाता है. 35 सालों से लगातार बीजेपी यह चुनाव जीत रही है. कांग्रेस ने उर्मिला जैन भाया पर दूसरी बार भरोसा जताते हुए उन्हें इस बार के आम चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाते हुए इस किले को फतेह करने की जिम्मेदारी सौंपी है.

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Rajasthan Politics: वसुंधरा राजे के बेटे को 15 साल बाद फिर चुनौती देंगी उर्मिला जैन भाया, जानें कैसे हैं सियासी समीकरण?
उर्मिला जैन भाया और दुष्यंत सिंह.

Rajasthan News: लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपनी उम्मीदवारों की तीसरी लिस्ट (Congress 3rd List) गुरुवार शाम जारी कर दी है. पार्टी ने बारां-झालावाड़ सीट से उर्मिला जैन भाया (Urmila Jain Bhaya) को अपना प्रत्याशी बनाया है, जो राज्य के पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया (Pramod Jain Bhaya) की पत्नी होने के साथ ही वर्तमान में बारां की जिला प्रमुख हैं. वहीं, अब उनका मुकाबला भाजपा प्रत्याशी दुष्यंत सिंह (Dushyant Singh) से है. दुष्यंत सिंह इस सीट से 5वीं बार लगातार चुनाव लड़ रहे हैं. साथ ही इस सीट पर पिछले 35 सालों से भाजपा का कब्जा है. 

15 साल बाद फिर होगा आमना-सामना

दुष्यंत सिंह से पहले उनकी मां व राज्य की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) यहां से चुनाव लड़ती थीं, जो लगातार 5 बार इस सीट से जीत दर्ज की थी. उर्मिला जैन भाया इससे पहले साल 2009 में बारां-झालावाड़ लोकसभा सीट (Jhalawar-Baran Lok Sabha constituency) से चुनाव लड़ चुकी हैं. उस चुनाव में दुष्यंत सिंह को 428996 वोट मिले थे, जबकि उर्मिला जैन भाया को 376208 वोट पड़े थे. दुष्यंत सिंह ने उन्हें करीब 52841 वोटों से हाराया था. ऐसे में एक बार फिर 15 साल बाद दोनों नेता आमने-सामने हैं.

9 चुनाव में एक ही पार्टी को मिली जीत

उर्मिला जैन ने टिकट मिलने के बाद शीर्ष नेतृत्व का आभार जताया है. उन्होंने कहा कि क्षेत्र के आदिवासी सहरिया, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, ओबीसी और अल्पसंख्यकों के लिए बिना किसी भेदभाव के वो काम करेंगी. सभी वर्गों के समर्थन से वो क्षेत्र का विकास करेंगी. आगे उन्होंने कहा कि पिछले 35 सालों से उपेक्षित इस संसदीय क्षेत्र को विकास की ओर ले जाएगी. इस सीट पर लगातार 9 चुनाव में एक ही पार्टी के उम्मीदवार को जीत मिली है, जिसका खामियाजा जनता को झेलना पड़ा है.

दो दशक से राजनीति में हैं सक्रिय

मूल रूप से बारां निवासी उर्मिला जैन भाया की उम्र 51 साल है. वे बीते दो दशक से राजनीति में सक्रिय हैं. उनके पति की तरह ही उर्मिला जैन भाया की भी पहचान गोभक्त और समाजसेवी के रूप में है. भाया दंपति हजारों की संख्या में जोड़ों का निशुल्क विवाह करवा चुके हैं. इसके अलावा असहाय जानवरों और मवेशियों के लिए भी उन्होंने अस्पताल खोला है. शिक्षा के क्षेत्र में विद्यार्थियों को संस्थाओं के जरिए स्कॉलरशिप देकर पढ़ाई करवाती हैं. उर्मिला जैन भाया के पति प्रमोद जैन भाया राजस्थान सरकार में दो बार मंत्री रह चुके हैं. भाया पांच विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं, जिसमें तीन बार विधायक बने हैं. पहली बार उन्होंने 2003 में चुनाव लड़ा था, जिसमें निर्दलीय प्रत्यशी के रूप में जीते थे. इसके अलावा एक बार लोकसभा का चुनाव भी उन्होंने लड़ा है. उनका बेटा यश जैन बारां यूथ कांग्रेस के जिला अध्यक्ष हैं और एलएलबी की पढ़ाई कर चुके हैं, जबकि दो बेटियां रिद्धि और सिद्धि दोनों आईआईटियन हैं और दोनों विवाह के बाद जॉब कर रही हैं.

साल 2021 में बनी थीं जिला प्रमुख

साल 2021 में हुए जिला परिषद के चुनाव में बारां जिले की 25 सीटों में से 13 पर भारतीय जनता पार्टी और बराबर कांग्रेस के प्रत्याशी जीते थे. इसके बाद भी बिना बहुमत के आखिरी वक्त पर तत्कालीन खनन व गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने जोड़-तोड़कर अपनी पत्नी को जिला प्रमुख बनवाया था. बाड़े बंदी के बावजूद भाजपा के जिला परिषद सदस्य ने क्रॉस वोटिंग की थी, जिसके चलते उर्मिला जैन को 13 मत मिले थे, जबकि पराजित रहीं भाजपा उम्मीदवार प्रियंका शर्मा को 12 मत मिले थे.

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