![Lok Sabha Elections 2024: बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट पर प्रत्याशी चयन को लेकर उलझन में कांग्रेस, RLP से गठबंधन पर नेताओ में रार Lok Sabha Elections 2024: बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट पर प्रत्याशी चयन को लेकर उलझन में कांग्रेस, RLP से गठबंधन पर नेताओ में रार](https://c.ndtvimg.com/2019-06/e63bgn7g_ashok-gehlot-sachin-pilot-pti_625x300_04_June_19.jpg?im=Resize=(1230,900))
Rajasthan News: बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से प्रत्याशी के चयन को लेकर कांग्रेस (Congress) में कश्मकश की स्थिति बनी हुई है. भाजपा (BJP) ने पहले ही उम्मीदवार घोषित कर बढ़त बना ली है. जबकि कांग्रेस इस सीट से दिग्गज जाट नेता हेमाराम चौधरी (Hemaram Choudhary) को चुनाव लड़ाना चाहती है. लेकिन उन्होंने विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा चुनाव लड़ने से भी इनकार कर दिया है.
दावेदारो की लंबी लिस्ट
राजस्थान में कांग्रेस और हनुमान बेनीवाल के बीच गठबंधन की सुगबुगाहट भी चल रही है, लेकिन कई वरिष्ठ नेता बाड़मेर की सीट आरएलपी (RLP) को देने के पक्ष में नहीं दिख रहे हैं. इस सीट से पूर्व सांसद रहे विधायक कर्नल सोनाराम चौधरी, हरीश चौधरी, जयपुर यूनिवर्सिटी से पहली महिला छात्रसंघ अध्यक्ष रही प्रभा चौधरी, यूथ कांग्रेस के लक्ष्मण गोदारा, राजेंद्र कडवासरा सहित दावेदारी की लंबी लिस्ट ने इस बार टिकट की रेस को दिलचस्प बना दिया है. ऐसे में कांग्रेस के लिए इस सीट पर उम्मीदवार को लेकर बड़ी उलझन में दिख रही है.
हेमाराम को मनाने की कोशिश
इस सीट पर गुड़ामालानी से छह बार विधायक रहे और तीन बार राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे दिग्गज जाट नेता हेमाराम चौधरी के चुनाव लड़ने की चर्चाएं चल रही थीं और पार्टी भी चाहती है कि हेमाराम चौधरी बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा सीट से इस बार चुनाव लड़ें. कुछ समय पहले तक लग रहा था कि हेमाराम चौधरी भी चुनाव लड़ना चाहते हैं. कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी के दौरे के समय हेमाराम चौधरी ने मंच से दावेदारी कर रहे नेताओं को पार्टी के लिए अपनी महत्वाकांक्षाओं के त्याग पार्टी हित को लेकर हिदायते देते हुए भावुक हुए थे. चौधरी अपने राजनीतिक जीवन में कई बार भावुक होते हुए नजर आए हैं. उन्होंने भावुकता को ही पिछले चुनावों से लेकर मंत्री बनने तक हर बार हथियार बनाया. इसलिए अंदाजा यही लगाया जा रहा है कि हेमाराम चौधरी वेट एंड वॉच की स्थिति थे. लेकिन भाजपा ने एक बार फिर जाट समाज से ही कैलाश चौधरी को उम्मीदवार बनाया है. ऐसे में हेमाराम चौधरी के चुनाव लड़ने की संभावनाएं कम लग रही हैं.
गठबंधन की सुगबुगाहट
कांग्रेस और हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी के बीच अंदर खाने गठबंधन की सुगबुगाहट चल रही है. नागौर और बाड़मेर जैसलमेर सीट आरएलपी को देने पर विचार चल रहा है. ऐसे में आरएलपी कांग्रेस से संयुक्त उम्मीदवार को लेकर बायतु से दो बार विधानसभा चुनाव लड़े और पूर्व सांसद और पूर्व मंत्री हरीश चौधरी को कड़ी टक्कर देने वाले उम्मेदाराम बेनीवाल के नाम चर्चा चल रही है. लेकिन सूत्रों के हवाले से हरीश चौधरी को आरएलपी से चुनाव लड़े उम्मेदाराम बेनीवाल ने 2018 और पिछले चुनाव में जबरदस्त टक्कर दी थी. इस बार हरीश चौधरी की मंशा है कि उम्मेदाराम बेनीवाल को कांग्रेस ज्वॉइन करवाकर कांग्रेस के सिंबल पर चुनाव लड़ाया जाएं ताकि भविष्य में आरएलपी बायतु से उनके सामने चुनौती नहीं पैदा नहीं कर पाएं.
जसोल के चुनाव लड़ने पर असमंजस
2018 में हरीश चौधरी के बायतु से विधायक बनने और अशोक गहलोत सरकार में राजस्व मंत्री बनाए जाने के बाद बाड़मेर जैसलमेर से कोई मजबूत प्रत्याशी नहीं था. जिसके बाद भाजपा के कांग्रेस में शामिल हुए कर्नल मानवेंद्र सिंह जसोल ने इस सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन इस सीट के इतिहास की सबसे बड़ी हार मिली. हालांकि इस बार परिस्थितियां कुछ और हैं. मानवेंद्र सिंह के भाजपा में वापसी और पत्नी चित्रा सिंह के निधन के बाद उन्होंने उनके चुनाव लड़ने की संभावना नहीं है. लेकिन इस बार कांग्रेस से टिकट की मांग करने वालों की लाइन लंबी है. इस बार पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी और हरीश चौधरी पूर्व सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी, राजस्थान यूनिवर्सिटी से पहली महिला छात्रसंघ अध्यक्ष रही प्रभा चौधरी, लोकसभा क्षेत्र से यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष लक्ष्मण गोदारा, एनएसयूआई के पूर्व जिलाध्यक्ष राजेंद्र कडवासरा सहित कई लोगो को दावेदारी के चलते कांग्रेस भारी उलझन में है और उम्मीदवार के चयन को लेकर खासी मशक्कत करनी पड़ेगी.