
100 islands of Banswara: जब से बांसवाड़ा रेंज संभागीय आयुक्त नीरज के पवन ने माही बांध के बैक वॉटर में स्थित टापुओं का नामकरण रामायण के पात्रों पर करने की बात कही है तब से इस पर सियासत तेज हो गई है. बांसवाड़ा सहित डूंगरपुर, उदयपुर और प्रतापगढ़ जिले में इसके समर्थन और विरोध में स्वर उभरने लगे हैं.
राजकुमार रोत लिखा, आयुक्त साहब आप एक अच्छे IAS अधिकारी हो, यहां के युवाओं में आपकी एक अच्छी इमेज है, लेकिन आपके इस ट्विट का हम विरोध करते हैं. जो आज एक सुन्दर बांसवाड़ा है, उसके निर्माण में हजारों आदिवासियों ने अपनी शहादत दी है. द्वीपों का नामकरण होगा तो उनके नाम से होगा.

इससे पहले, संभागीय आयुक्त नीरज के पवन ने लिखा था, 'बांसवाड़ा के 100 टापुओं (द्वीपों) का नामकरण रामायण के पात्रों पर किया जाएगा.आगामी सदियों तक इन द्वीपों को रामायण के पात्रों के नाम से जाना जाएगा, तो रामायण आपके और हमारे बीच में हमेशा जिंदा रहेगी.' इसके बाद भारत आदिवासी पार्टी और भारतीय जनता युवा मोर्चा के नेताओं में बयानबाजी का दौर शुरू हो गया जो वागड़ से लेकर मेवाड़ और कांठल क्षेत्र तक पहुंच गया है.
आयुक्त साहब आप एक अच्छे IAS अधिकारी हो, यहाँ के युवाओं में आपकी एक अच्छी इमेज है लेकिन आपके इस ट्विट का हम विरोध करते हैं।
— Rajkumar Roat (@roat_mla) January 22, 2024
जो आज एक सुन्दर बाँसवाड़ा है, उसके निर्माण में हजारों आदिवासियों ने अपनी शहादत दी है। द्वीपों का नामकरण होगा तो इनके नाम से होगा!@Nirajkpawanias pic.twitter.com/LcZStR3zd5
भाजपा नेता ने रोत को दी रामचरित मानस पढ़ने की नसीहत
टापुओं का नामकरण रामायण के पात्रों पर करने के समर्थन में पूर्व मंत्री और भाजपा के कद्दावर नेता धनसिंह रावत ने जारी एक बयान में कहा, भगवान राम हम सब के आराध्य हैं तो उनके नाम पर यदि टापुओं का नामकरण होता है तो इसका हम समर्थन करते हैं. रावत ने रोत को रामचरित मानस पढ़ने की नसीहत दी है. वहीं भाजपा महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष शीतल भंडारी और युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष दीपसिंह वसुनिया ने भी विधायक राजकुमार रोत के बयानों का विरोध किया है.
कई संगठनों ने विरोध और समर्थन में दिए ज्ञापन
इस विवाद के गहराने के बाद कई संगठन विरोध और समर्थन में उतर आए हैं. वहीं कथा वाचक कमलेश भाई शास्त्री ने भी विधायक राजकुमार रोत के व्यक्तव्य का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि भगवान राम के बारे में किसी भी तरह की टिप्पणी करना अनुचित है. वहीं उदयपुर के कोटडा में भी इसको लेकर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया. जबकि बांसवाड़ा और डूंगरपुर में भी ज्ञापन देकर टापुओं का नामकरण रामायण के पात्रों पर करने की मांग की गई है.