
जोधपुर जिले में पांचवें दिन भी किसानों का महापड़ाव जारी है. जोधपुर स्थित डिस्कॉम मुख्यालय पर विद्युत आपूर्ति सहित विभिन्न मांगों को लेकर धरने पर बैठे किसानों का विरोध प्रदर्शन अब तूल पकड़ता दिख रहा है. बीती रात तेज बारिश के बीच भी अपनी मांगों को लेकर अड़े किसानों ने धरने पर अड़े रहे.
रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार को भी सैंकड़ों किसान डिस्कॉम मुख्यालय के बाहर बदहाल बिजली समस्याओं को लेकर धरना दिया, जहां आंदोलन तेज करते हुए जमकर नारेबाजी की और डिस्कॉम मुख्यालय के बाहर गेट बंद करवा दिया. बाद में पुलिस ने सुरक्षा घेरा बनाया और मामले को शांत कराया.

तेज बारिश होने पर भी किसानों ने नहीं छोड़ा धरना
भारतीय किसान संघ के तुलछाराम सिंवर ने बताया कि विद्युत संबंधी समस्याओं को लेकर किसानों द्वारा जोधपुर डिस्कॉम मुख्यालय पर धरना शुरू किया गया है. उन्होंने बताया कि किसानों ने डिस्कॉम के उपखंड स्तर के कार्यालय से लेकर जिला स्तर तक के अधिकारियों से गुहार लगाई, लेकिन उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं निकला. उन्होंने बताया कि किसानों की कृषि सिंचाई की विद्युत आपूर्ति में वॉल्टेज की कमी व ट्रिपिंग की समस्या है. जिसे दूर करने की मांग रखी गई है.
सिंचाई न होने से नष्ट रही है फसल
किसान महासंघ के जिलाध्यक्ष रामनारायण जांगू ने कहा कि पिछली सीजन में भी मूंगफली व कपास की फसलें जल गई थी. रबी सीजन में भी किसान फसलों में पर्याप्त सिंचाई नहीं कर पाए थे. इस बार भी किसानों को सही विद्युत आपूर्ति नहीं मिलने से फसलें जलने लग लगी है.
मानसून में देरी से फसलों में सिंचाई की जरूरत बढ़ी
गौरतलब है मानसून के ब्रेक के कारण फसलों में सिंचाई की आवश्यकता बढ़ गई है. वहीं फसलों में कीट व रोगों का प्रकोप बढ़ने से फसलों में स्प्रे के लिए भी सिंचाई की ज्यादा आवश्यकता है. किसानों का आरोप है कि किसान कृषि सिंचाई के लिए दी जाने वाली विद्युत आपूर्ति में वोल्टेज की कमी व ट्रिपिंग के कारण फसलों की सिंचाई नहीं कर पा रहे है.
सरकारी योजना का लाभ लेने में बाधा पहुंचाते है अधिकारी
उन्होंने बताया कि डिस्कॉम को पिछले तीन महीने से लगातार समस्याओं से अवगत करवाया जा रहा है. लेकिन समस्याओं का कोई समाधान नहीं हुआ. वहीं, राजस्थान सरकार ने दो हजार यूनिट तक एग्रीकल्चर कनेक्शन को बिजली फ्री देने की घोषणा की है, लेकिन कई प्रकार की शर्तें लगाकर अधिकारी इसमें बाधा पहुचा रहे हैं.