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राजस्थान में बाल-विवाह को लेकर हुई बड़ी कार्रवाई, बारात निकलने से ठीक पहले पहुंचा प्रशासन

अजमेर में मांगलियावास थाना क्षेत्र के गांव रूदलाई में नाबालिग बच्चे की शादी की जा रही थी. वहीं बाल-विवाह की सूचना मिलते ही चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 शिकायत दर्ज कर बाल-विवाह रुकवाने की मांकी गई.

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राजस्थान में बाल-विवाह को लेकर हुई बड़ी कार्रवाई, बारात निकलने से ठीक पहले पहुंचा प्रशासन

Rajasthan News: हमारे देश में विकास और विकसीत भारत की बातें की जाती है. लेकिन देश में अब भी बाल विवाह जैसे गैरकानूनी काम खत्म नहीं हो रहा है. राजस्थान में बाल-विवाह को लेकर आए दिन खबर सामने आते रहती है. वहीं एक राजस्थान के अजमेर से बाल-विवाह की खबर सामने आई है. जहां विवाह से ठीक पहले प्रशासन ने एक्शन लिया और शादी को रूकवाई गई. वहीं कोर्ट ने नाबालिग बच्चों के माता-पिता को पाबंद कर बड़ी कार्रवाई की है.

अजमेर में मांगलियावास थाना क्षेत्र के गांव रूदलाई में नाबालिग बच्चे की शादी की जा रही थी. वहीं बाल-विवाह की सूचना मिलते ही चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 शिकायत दर्ज कर बाल-विवाह रुकवाने की मांकी गई. जिसके बाद जिला समन्वयक संजय सावलानी ने नाबालिग की शादी को रुकवाने के लिए कंट्रोल रूम एडीएम कार्यालय को सूचना दी गई.

बाल विवाह की सूचना पर प्रशासन आया सकते में 

कंट्रोल रूम ने तुरंत पीसांगन के उपखंड अधिकारी, महिला बाल विकास विभाग अजमेर ,  उप निदेशक महिला अधिकारीता विभाग अजमेर, मांगलियावास थाना प्रभारी, मानव तस्करी विरोधी इकाई अजमेर, जिला चाइल्ड लाइन हेल्प को पत्र लिखकर नाबालिग लड़के और लड़की का बाल विवाह रोकने की लिए नियम अनुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए. 

मौके पर था शादी का माहौल हो रही थी बारात की निकासी

बाल विवाह की सूचना पर मौके पर तमाम प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी पहुंचे जहां नाबालिक दूल्हे की बारात  की निकासी होने वाली थी. और पूरा परिवार बारात में जाने के लिए तैयार था. मौके पर टेंट लगे हुए थे, और घोड़ी सजी-धजी थी और बारात जाने के लिए कई वाहन भी मौके पर मौजूद थे. 

मार्कशीट और दस्तावेज से नाबालिग होने के मिले प्रमाण

प्रशासनिक अधिकारियों ने नाबालिग दूल्हे के जन्म प्रमाण पत्र और स्कूल की मार्कशीट चेक करने पर दूल्हे की उम्र मात्र 17 वर्ष पाई गई. जिस पर प्रशासन ने बाल विवाह रुकवाया. और दूल्हे के माता-पिता को तुरंत अवकाश कालीन मजिस्ट्रेट जे एम  01 के न्यायाधीश  चार्विन बागमार के समक्ष पेश किया गया जहां माननीय न्यायाधीश ने नाबालिक दूल्हे के माता-पिता को नाबालिक की शादी नहीं करने के लिए पाबंद किया. 

वहीं दूसरी ओर दुल्हन भी थी नाबालिक

बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष अंजली शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि आज ब्यावर के निकट रूपा रेल में मांगलियावास गांव के रूदलाई से बरात जानी थी. जहां आम आदमी ने दूल्हे के नाबालिक होने की सूचना दी. जिस पर प्रशासन ने दूल्हे के मां-बाप को पाबंद किया वहीं ब्यावर के रूपारेल में जहां बरात जानी थी. वहां भी लड़की के नाबालिक होने की जानकारी मिली जहां ब्यावर सदर पुलिस ने लड़की के मां-बाप को भी माननीय न्यायालय के समक्ष पेश कर नाबालिक लड़की की शादी नहीं करने के लिए पाबंद किया.

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