विज्ञापन
This Article is From Oct 18, 2023

जैसलमेर में आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के जाबाजों ने 'SW - 80 गरुड़' से की माइक्रोलाइट फ्लाइंग

'SW - 80 गरुड़' का उपयोग फाइटर जेट सहित तमाम विमानों के उड़ान भरने से पहले अपने हवाई क्षेत्रों में पक्षियों रेकी करने के लिए किया जाता है. वहीं इससे समुद्री क्षेत्रों की स्थितियो का भी जायजा लिया जा सकता है.

जैसलमेर में आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के जाबाजों ने 'SW - 80 गरुड़' से की माइक्रोलाइट फ्लाइंग
तीनों सेना के जवान के साथ Microlight 'SW-80 Garuda' aircraft
JAISALMER :

जैसलमेर: सुदूर राजस्थान के भारत-पाक सीमा से सटे जैसलमेर (स्वर्णनगरी) जिले में त्रिशक्ति मल्टी डायमेंशनल एडवेंचर एक्सपीडिशन का आयोजन किया जा रहा है. इस एडवेंचर एक्सपीडिशन के तहत सयुंक्त कौशल की भावना के साथ थार के रेगिस्तान में अभियान के दूसरे दिन की रोमांचक शुरुआत हुई.

हरे कृष्ण विलेज में कृष्ण जी की सुन्दर प्रतिमा

दो सीटों वाला पिपिस्ट्रेल "एसडब्ल्यू 80" (Pipistrel Virus SW 80 Aircraft ) विमान

आज दूसरे दिन माइक्रोलाइट फ्लाइंग लेग के साथ एक्सपीडिशन शुरू हुआ. इस एक्सपीडिशन में आर्मी, नेवी और  एयरफोर्स के जाबाजों ने इस माइक्रोलाइट (विमान) की फ्लाइंग की. यह उड़ान जैसलमेर वायु सेना बेस भरी गई. इस एक्सपीडिशन के माध्यम से तीनों सेनाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले जाबाज सैनिकों को आसमान से मनमोहक दृश्यों का अनुभव करने का मौका मिला.

दो सीटों वाला पिपिस्ट्रेल "एसडब्ल्यू 80" (Pipistrel Virus SW 80 Aircraft ) विमान का नाम गरुड़ रखा गया है. जिसे हिंदू पौराणिक कथाओं में एक पक्षी गरुड़ के नाम से जाना जाता है.

इसका उपयोग उड़ान सुरक्षा और एयर विंग कैडेटों के प्रशिक्षण के लिए किया जाता है. यह माइक्रोलाइट विमान आर्मी और नेवी के जाबाजों के लिए एक नया रक्षा उपकरण साबित होगा.

भारतीय वायु सेना से पायलट ग्रुप कैप्टन अभिमन्यु, भारतीय नौसेना से कमांडर दीपक वर्गीस, और भारतीय सेना से कैप्टन अभिनव कुटलेहरिया ने इस माइक्रोलाइट फ्लाइंग लेग में प्रतिनिधित्व किया. 

इस त्रिशक्ति एक्सपीडिशन में आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के जाबाजों ने भाग लिया

माइक्रोलाइट दो सीटों वाला और एकल इंजन वाला हल्का विमान है. वायुसेना SW-80 का उपयोग फाइटर जेट सहित तमाम विमानों के उड़ान भरने से पहले अपने हवाई क्षेत्रों में पक्षियों की टोह लेने या रेकी करने के लिए किया जाता है. वही इससे हवाई क्षेत्रों की स्थिति का भी जायजा लिया जाता है.भारतीय वायु सेना से पायलट ग्रुप कैप्टन अभिमन्यु, भारतीय नौसेना से कमांडर दीपक वर्गीस, और भारतीय सेना से कैप्टन अभिनव कुटलेहरिया ने इस माइक्रोलाइट फ्लाइंग लेग में प्रतिनिधित्व किया.

यह भी पढ़ें - राजस्थान के थार रेगिस्तान से शुरू होगा त्रिशक्ति अभियान, 17 अक्टूबर से होगा आगाज

Rajasthan.NDTV.in पर राजस्थान की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close