विज्ञापन

'युद्ध वाली देवी' तनोट माता का फिर दिखा चमत्कार, 1965-71 की तरह इस बार भी नहीं फटे पाकिस्तान के हाईटेक बम

भारत-पाकिस्तान के बीच सीज फायर की घोषणा के बाद सरहद से सटे गांवों में परिस्तिथियां सामान्य होने लगी हैं. तनोट नाके को भी हटा दिया गया है.

'युद्ध वाली देवी' तनोट माता का फिर दिखा चमत्कार, 1965-71 की तरह इस बार भी नहीं फटे पाकिस्तान के हाईटेक बम
तनोट माता मंदिर.

Rajasthan News: देश की पश्चिमी सरहद की निगेहबान तनोट माता को 'युद्ध वाली देवी' कहा जाता है. जैसलमेर में भारत-पाकिस्तान सीमा के पास स्थित इस मंदिर (Tanot Mata Temple) का इतिहास 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्ध से जुड़ा हुआ है, जब पाकिस्तान ने मंदिर पर 3000 बम गिराए थे, लेकिन एक भी बम नहीं फटा था. ऐसा ही चमत्कार 2025 में दोबारा देखने को मिला है.

एक भी बम नहीं फटा

जब 'ऑपरेशन सिंदूर' की कामयाबी का बदला लेने के लिए पाकिस्तान ने सैकड़ों ड्रोन, बम व मिसाइल पश्चिमी सरहद पर फायर किए, तो भारत के एयर डिफेन्स सिस्टम ने उसे आसमान में ही इंटरसेप्ट कर दिया और कहीं भी बम नहीं फटा. ना ही जान माल की हानि हुई. हालांकि बम व मिसाइल के जो अंश इंटरसेप्ट होने के बाद जमीन पर आकर गिरे, उसे सुरक्षा की दृष्टि से सेना के बम निरोधक दस्ते ने एक-एक करके नष्ट किया. स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं का मानना है कि यह तनोट माता के चमत्कार के कारण हुआ है.

बॉर्डर से 20 KM पहले मंदिर

तनोट माता मंदिर जैसलमैर शहर से करीब 120 किलोमीटर दूर है. इस मंदिर से करीब 5 किलोमीटर पहले माता घंटीयाली का दरबार है. इन्हें तनोट माता की छोटी बहन माना जाता है. कहा जाता है कि माता घंटीयाली के दर्शन के बाद ही माता तनोट की पूजा स्वीकार होती है. भारत-पाकिस्तान सीमा से 20 KM पहले यह मंदिर स्थित है. मंदिर के आसपास 50 से 60 मकान बने हुए हैं, जिनमें करीब 300 लोग रहते हैं. लेकिन तनोट माता की वजह से वे निडर होकर बॉर्डर पर रह हंसी-खुशी रह रहे हैं.

पाकिस्तानी कर्नल ने चढ़ाए थे छत्र

तनोट माता मंदिर के पुजारी पंडित रवि शेखर उपाध्याय ने बताया कि तनोट माता हिंगलाज माता की अवतार हैं और 1965 के युद्ध में भी उन्होंने चमत्कार दिखाया था. पाकिस्तान के कर्नल शहनवाज खान ने भी माता के चमत्कार को देखा था और बाद में उन्होंने माता के दरबार में दर्शन करने के लिए भारत सरकार से अनुमति ली थी. उस वक्त वे माता के दरबार में दर्शन करने आए थे और चांदी के 4 छत्र भी चढ़ाए थे. वे सभी छत्र आज भी संग्रहालय में रखे हुए हैं.

BSF करती है मंदिर का रखरखाव

बीएसएफ के डीआईजी योगेंद्र सिंह राठौड़ ने माता के दरबार में माथा टेककर धन्यवाद दिया और कहा कि तनोट माता की कृपा से ही देश की सुरक्षा संभव है. गठन के बाद से ही इस मंदिर में पूजा और रखरखाव की जिम्मेदारी बीएसएफ की रही है. इसी पूजा का फल मिल रहा है. आज सभी देशवासियों को पता है कि बीएसएफ क्या कर सकती है और क्या किया. जब भी मौका आया है बीएसएफ ने अपने आप को साबित किया है. 

ये भी पढ़ें:- ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार राजस्थान आएंगे पीएम मोदी, देशनोक के इस मंदिर में करेंगे पूजा

यह VIDEO भी देखें

Rajasthan.NDTV.in पर राजस्थान की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close